बरसे है सुब्हो-शाम | Subah-O-Shaam
बरसे है सुब्हो-शाम ( Barse hai Subah-O-Shaam ) वो लग रहे हैं मुझको परेशान आजकल आफत में आ गई है मेरी जान आजकल ज़ल्फ़ों से यह हवा की फ़कत गुफ्तगू नहीं बरसे है सुब्हो-शाम का फ़ैज़ान आजकल हैरत है पूछते हैं वही दिल का हालचाल जो दिल की सल्तनत के हैं सुल्तान आजकल यारो…