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किसी का जब मगर बेहतर किया है | Thesahitya Ghazal

किसी का जब मगर बेहतर किया है ( Kisi ka jab magar behtar kiya hai )     किसी का जब मगर बेहतर किया है जुबां को ही उसनें ख़ंजर किया है   मुहब्बत की करेगा बात क्या अब दिल उसनें प्यार से बंजर किया है   कभी मिलकर नहीं मुझसे रहा वो परेशां ही…