श्रीराम नाम-वंदना

श्रीराम नाम-वंदना | Kavita

श्रीराम नाम-वंदना ( Shri Ram Naam Vandana )   राम-नाम आनंद सुख मूल। परमशांति साधक पा जाए जपत मिटे जीवन-पथ शूल।।   घायल जटायु जपते-जपते पा गए मुनि दुर्लभ हरि धाम। पश्चाताप में जलते भरत को इसी नाम से मिला विश्राम।।   जी रही थी इसी सहारे राम मिलन को शबरी गंवार। नाम-मग्न सुतिक्ष्ण को…

राम नवमी

राम नवमी विशेष | Kavita

राम नवमी विशेष ( Ram navami vishesh )   अवधपुर में राम का आज अभिनंदन        जनम लियो रघुकुल में दशरथ के नंदन …..   कौशल्या ने जाया जब यज्ञ खीर खाया पुत्र रूप राम को तब ममता ने पाया दूर करने आए दशरथ का क्रंदन !! अवधपुर में राम जी का ……

राम नवमी

Kavita | राम नवमी

राम नवमी ( Ram Navami )   भक्तवत्सल सत्य अविरल भूमिजा सुखधाम आये। अयोध्या में राम आये,अयोध्या में राम आये।। थी धरा सहमी हुयी बहु पापियों के पाप से, हे प्रभू आकर बचालो इस विकट संताप से, त्रास अवनी की मिटाने संतप्रिय श्रीधाम आये।। अयोध्या में राम ०।। नवमी तिथि नखत पुनर्वसु शुक्ल पक्ष विचार…

हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता

Ghazal | हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता

हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता ( Har koi magar dil se ashraf nahi hota )   हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता ए  यारों  कभी  सच का इंसाफ नहीं होता   तू  बात  जरा  करना  ए  यार  संभलके  ही देखो हर किसी का ही दिल साफ़ नहीं होता   तो …

साथ तेरा अग़र मिला होता

Romantic Ghazal | साथ तेरा अग़र मिला होता

साथ तेरा अग़र मिला होता ( Sath Tera Agar Mila Hota )   साथ  तेरा  अग़र  मिला  होता। अपना जीवन भी ये ज़ुदा होता।।   झेल पाते खुशी से हर इक ग़म। ज़ख्म दिल का नहीं हरा होता।।   कोई  मुश्किल ठहर नहीं पाती। फिर न तक़दीर से गिला होता।।   जिंदगानी हंसी- खुशी कटती।…

नींद

Kavita | नींद

नींद ( Neend )   आंधी  आई काले बादल घिर  घिर कर आने लगे कहर कोरोना बरस पड़ा खतरों के मेघ मंडराने लगे     रह रह कर डर सता रहा आंखों की नींद उड़ाने को यह कैसी लहर चल पड़ी कैसा  मंजर  दिखाने को     सड़कों पर सन्नाटा छाया नींद  हराम  हुई सबकी…

जय मां कालरात्रि

Kavita | जय मां कालरात्रि

जय मां कालरात्रि ( Jay Maa Kalratri )   कालरात्रि रूप में करती मां दुष्टों का संहार विकराल रूप माता का दैविक शक्ति अपार   खड्ग खप्पर हाथ में ले त्रिशूल भाला शमशीर रक्तबीज  संहारिणी  हरति जन जन की पीर   कालरात्रि  कालीका  रणचंडी  शक्ति रूप साधक पर करती कृपा धरकर रूप अनूप   प्रेत…

दिल से ही रोज़ आहें निकलती रही

Sad Ghazal | दिल से ही रोज़ आहें निकलती रही

दिल से ही रोज़ आहें निकलती रही ( Dil se hi roz aah nikalti rahi )   दिल से ही रोज़ आहें निकलती रही! जीस्त यादों में उसकी गुजरती रही   कब मिला है ठिकाना ख़ुशी का कोई जिंदगी  रोज़  ग़म  में भटकती रही   डूब रही है ये  बेरोजगारी में ही जिंदगी कब यहां…

लहर कोरोना की

Kavita | लहर कोरोना की

लहर कोरोना की ( Lahar Corona Ki )   सूनी गलियां सूनी सड़कां सुनो सब व्यापार है गाइडलाइन रो पालण कारणों सौ बाता रो सार है   कवै डागदर बचकर रहणो भीषण ई बीमारी सूं मौत को तांडव छारयो है कोरोना महामारी सूं   दूरी राखो आपस म मुंह पर मास्क जरूरी है प्रशासन सचेत…

मिलन ऐसा भी

Nazm | मिलन ऐसा भी

मिलन ऐसा भी ( Milan Aisa Bhi )   विरह कीअग्नि में जलती इक प्रेयसी जैसे धरती यह भी निहारे है राह प्रियतम अपने की….   सांवरा सा सलोना सा गहराता सा मचलता सा शायद आ रहा होगा किसी इक कोने से नभ के इस ओर या उस छोर से…..   टकटकी लगाये बैठी कब…