वफ़ादार नहीं थे | Wafadar Shayari
वफ़ादार नहीं थे ( Wafadar nahi the ) बहर-मफऊल -मुफाईल-मुफाईल-फऊलुन कुछ दोस्त हमारे ही वफ़ादार नहीं थे वरना तो कहीं हार के आसार नहीं थे ख़ुद अपने हक़ों के हमीं हक़दार नहीं थे हम ऐसी सियासत के तलबगार नहीं थे झुकने को किसी बात पे तैयार नहीं थे क्यों हम भी ज़माने से समझदार…