याद उसकी बहुत रोज़ आती रही

याद उसकी बहुत रोज़ आती रही | Yaad shayari

याद उसकी बहुत रोज़ आती रही ( Yaad uski bahut roj aati rahi : Miss you shayari)     याद उसकी बहुत रोज़ आती रही जीस्त का साथ यूं ही निभाती रही   और मैं झेलता हर ग़म को ही गया रंग क़िस्मत अपना ही दिखाती रही   नफ़रतें झेलकर हर किसी की यहां जिंदगी…

कैसे उसको हम भुलाये

कैसे उसको हम भुलाये | Yaad par shayari

कैसे उसको हम भुलाये ( Kaise usko hum bhulaye )     रोज़ इतना याद आये कैसे उसको हम भुलाये!   वो बहुत बैठा खफ़ा है दोस्त को कैसे मनाये   वो लगा है तोड़ने में दिल से हम रिश्ता निभाये   बेवफ़ाई की कर बातें दिल वफ़ा में जलाये   वो हक़ीक़त में न…