रॉंग नंबर
( Wrong number : Hindi short story )
जीवन मे कभी कभी ऐसा होता है जब कोई अनजान हमारे करीब आता है और हमारी जरूरत और बाद में कमजोरी बन जाता है । यकीनन उनमें से कुछ ज्यादा दूर तक हमारे साथ नही चल पाते लेकिन कई खट्टी मीठी यादें दे जाते हैं जो ताउम्र भुलाए नही भूलतीं।
2008
★★★
“Hello!!” एक अपरिचित लड़की की आवाज आई। यह नववर्ष की संध्या थी। मैं अपने दोस्त रवि के साथ हर रोज की तरह टहलने निकला था। ऐसा हमारे जीवन मे इससे पहले कभी नही हुआ था कि एक लड़की हमे कॉल करे।हम मस्ती के मूड में थे। यह कॉल रवि के नोकिया1120 हैंडसेट पर आई थी। यह उस वक्त की बात है जब मोबाइल क्रांति धीरे धीरे भारत मे दस्तक दे रही थी। नोकिया सबसे विश्वसनीय ब्रांड था जबकि चाइनीज मोबाइल इक्का- दुक्का हाथों में आने शुरू हो गए थे। लोग उन चाइनीज मोबाइल को रेडियो की तरह उपयोग करते थे जबकि नोकिया हम सबके जीवन मे घुला-मिला था।
“Hello!!”रवि ने फोन उठाते हुए कहा।
“Happy new year!!” उस अनजान लड़की ने मीठे और नर्म लहजे में कहा।
“Happy new year!!” रवि ने भी दोहरा दिया। रवि के चेहरे पर आश्चर्य के भाव थे यह नम्बर और आवाज उसके लिए अनजान थी। मैंने उसके चेहरे का भाव पढ़ा और स्पीकर खोलने के लिए इशारा किया। मैं भी तो जानू कौन हमसे बात करने को लालायित है।
“हम आपको पहचान नही पाए!!”रवि ने कहा।
“जी..आपके फ्रेंड हैं” उसने धीमे और शालीनता पूर्वक कहा।
मुझे मानना पड़ेगा उसकी आवाज में Attraction था।
“फिर भी..नाम बता देतीं तो…” रवि ने वाक्य अधूरा छोड़ते हुए कहा।
“अभी तो आपसे दोस्ती हुई है.. आज ही सब कुछ जान लोगे!!”उसने कहा और फोन से खिलखिलाहट की आवाज आई। मैंने महसूस किया कि वह अकेली नही है,साथ मे और भी लड़कियां हैं।
वह खुलकर शहरी language में बातें कर रही थी जबकि हम ठेठ गंवई में। उन्हें हमसे बातें करने में मजा आ रहा था।
“हम अनजान लोगों से इतनी जल्दी दोस्ती नही करते..” रवि ने अक्खड़पन से कहा।
“फिर कितनी देर में करते हो जी!!!”उसने कहा और खिलखिलाकर हंस पड़ी।
एक पल को तो वह झेंप गया लेकिन उसकी आवाज इतनी खूबसूरत थी कि हम फोन काटने का रिस्क नही ले सकते थे।
“वक्त लगता है.”रवि ने संयमित होते हुए कहा।
“कर लो न please!!”उसने विनती की।
“पहले नाम बताओ अपना!!”
“रिया.. अब खुश!!”
“Wow!!”मेरे मुंह से निकल गया।
“आपके साथ और कौन है?”वह चौंकी।
“मेरा दोस्त है” रवि ने कहा।
“Oh!तो हमारे मजे लिए जा रहे हैं!!”उसने कहा।
“तुम भी तो…रवि के इतना कहते ही फोन कट गया।
“अबे लगता है नाराज हो गयी”मैंने कुंठित होते हुए कहा। यह किसी लड़की से फोन पर हमारी पहली बातचीत थी।हमे नही पता था कि लड़कियां कब और कैसे नाराज होती
हैं.. हमे ये भी नही पता था कि उन्हें कैसे मनाया जाता है। हमने 2-3 बार वह नम्बर डायल किया लेकिन व्यस्त बताता रहा।
कुछ ही देर में हमारे फोन की घण्टी बजी।उसी का फोन था।
“Shit!!call drop!!” उसने कहा।तब हमें नही पता था कि कॉल ड्रॉप किस बला का नाम है।
“वैसे कहाँ रहती हैं आप? रवि ने थोड़ी देर बाद कहा।
“हॉस्टल में..”उसने कहा और हंस दिया।निश्चित ही यह हमारे प्रश्न का उत्तर नही था।
“And you?”
“हम तो गांव में रहते हैं” रवि ने ढीठ पन से कहा।
“Wow!! हमको गांव बहुत पसंद हैं “उसने उत्साहित होते हुए कहा ।
“तो घूम जाओ किसी दिन…आप पता बता दो हम लेने आ जाएंगे..”रवि ने अत्यधिक उदारता दिखाते हुए कहा ।
“अबे थोड़ा कम फेंको!!”मैंने उसे कुहनी मारी।
“सच मे!!Thanks!!” उसने कहा और बाद में अंग्रेजी का एक न समझ आने योग्य वाक्य भी बोला।
उसके धड़ाधड़ अंग्रेजी बोलने से अहसास हुआ कि वह हमसे ज्यादा पढ़ी लिखी है।
“अच्छा!! अब फोन रख रही हूं..कल शाम को आपसे बात करूंगी”
“ठीक है..”रवि ने बेमन कहा।
“Ok.. nice to talk … बला-बला-बला”
फोन कट चुका था।
“क्या वह कल फिर से बात करेगी!!!”मैंने रवि की ओर देखते हुए पूछा।
“क्या पता!! करना तो चाहिए” उसने कहा और हम दोनों मुस्कुरा दिए।
★★★◆◆★★★
अगले दिन शाम को हम इंतजार करते रहे लेकिन उसका फोन नही आया।हमने कई बार उस no. पर कॉल किया लेकिन नम्बर switched off बताता रहा। वह लड़की हमारे दिलों से खेल के चली गयी थी।
उस शाम हम रास्ते भर “आ अब लौट चलें” का जसविंदर नरुला की आवाज में”तेरे बिना एक पल जी नईयो लगदा…” बार-बार rewind करके सुनते रहे।यह गीत उस लड़की की याद में हमारे दिलों के दर्द में मरहम का काम कर रहा था।
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अब हमारा रोज का ही शेड्यूल हो गया था जब भी मौका मिलता हम वह नम्बर try करते।अगले 8-10 दिनों तक उसकी कोई खोज-खबर नही लगी। वह नम्बर बन्द ही बताता रहा। हमने उस नम्बर के कुछ डिजिट change करके भी मिलाए लेकिन खास सफलता नही मिली कोई नम्बर झकरकटी का होता तो कोई बर्रा,मूलगंज या अफीमकोठी का। हां इस बीच रवि ने न मालूम कैसे पता कर लिया कि यह no. एयरसेल का है।
इसी बीच एक no. जो कि उस सीरीज के काफी पास था, मिल गया। इससे हमें महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती थीं लेकिन हुआ इसका उल्टा।वह नम्बर किसी मोबाइल टेलिकॉम दुकान का था। पूछने पर हमने उसे बताया कि 8896…… नम्बर वाली लड़की को खोज रहे हैं। उसने हमे 2-3भद्दी-भद्दी गालियां सुनाकर फोन काट दिया। खैर हम भी लेन देन में समता के सिद्धांत पर भरोसा करते थे इसलिए लड़की वाला नम्बर side में करके इसके पीछे पड़ गए और तब तक पड़े रहे जब तक इसको छककर गालियां न दे लीं।
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उस लड़की से बात हुए करीब 1 महीने होने को हैं।हम अब भी उसका नम्बर try करते थे। 2 दिन बाद महाशिवरात्रि का त्योहार आने वाला था।इस बार हमने भी बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने का प्लान बनाया।उस दिलफ़रेब लड़की की यादों और मीठी बातों को भुलाने का यह अच्छा मौका था।
#CONTINUED…..