भगवान महावीर का 2594 वां दीक्षा कल्याणक दिवस
भगवान महावीर का 2594 वां दीक्षा कल्याणक दिवस
यह उमर हमारी बीत रही
सत् संगत में रमकर
ज्ञानामृत का पान कर ले
महावीर प्रभु का गुणगान कर ले ।
नाशवान है काया हमारी
क्यों करे मेरी मेरी ।
इस तन को राख बनने
लगे न इक पल की देरी ।
महावीर प्रभु का गुणगान कर ले ।
सबके साथ लगा है भारी ,
जन्म – मरण का चक्कर
अमर न कोई रह पाता
इस जग में प्राणी आकर ।
महावीर प्रभु का गुणगान कर ले ।
तन को खूब सजाते
मैल न मन का जाता
कथनी – करनी की असमानता में
जीवन भव – भ्रमण में रहता
महावीर प्रभु का गुणगान कर ले ।
अवगुण को हम छोड़े
मंगलमय अनुभव करते जाए
सुकृत कर्मों से घट को भर ले
भव -सागर पार हो जाए ।
महावीर प्रभु का गुणगान कर ले ।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)
यह भी पढ़ें :-