“आजादी के 75 वर्ष और 75 रचनाकार” अंतर्राष्ट्रीय साझा काव्य संकलन का विमोचन संपन्न
प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था आरंभ चैरिटेबल फाउंडेशन भोपाल के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय साझा काव्य संकलन” आजादी के 75 वर्ष और 75 रचनाकार” का विमोचन दुष्यंत संग्रहालय , भोपाल में गरिमामय मंच पर किया गया।
इस संकलन में देश -विदेश के 75 रचनाकारों की देशभक्ति से ओतप्रोत रचनाएँ संकलित की गई हैं। संस्था अध्यक्ष व संपादक अनुपमा अनुश्री ने अपने उद्बोधन में कहा नैसर्गिकता पूर्ण, बेबाक नवोदित कलम है, वरिष्ठ अनुभवी कलम और साथ-साथ प्रवासी कलम का मन भी इस संकलन में अभिव्यक्त है ।
भारत की गौरवशाली संस्कृति ,सभ्यता इतिहास के साथ-साथ राजनीतिक ,समसामयिक, सामाजिक स्थितियों पर पैनी नजर है। भारतीयों की निष्पक्ष, निर्बाध,प्रखर अभिव्यक्ति है यह संकलन। इस महत्वपूर्ण साझा संकलन में 75 रचनाकारों में से 61 समसामयिक रचनाकार है और 14 कालजयी रचनाकार हैं।
75 रचनाकार
(14 कालजयी रचनाकार )
1.मैथिलीशरण गुप्त
2.अयोध्या सिंह हरिऔध
3.सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
4.सरोजिनी नायडू
5.महावीर प्रसाद द्विवेदी
6.रामधारी सिंह दिनकर
7.जयशंकर प्रसाद
8.रांगेय राघव
9.माखनलाल चतुर्वेदी
10.सुभद्रा कुमारी चौहान
11.राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल
12.रसखान
13.मीराबाई
14.तुलसीदास
(61 समसामयिक रचनाकार )
1. डॉ. प्रेम भारती ,भोपाल
2. डॉ अजहर हाशमी
3. डॉ. प्रभु दयाल मिश्र
4. डॉ. इकराम राजस्थानी
5 . श्रीमती ममता श्रीवास्तव
6. डॉ उर्मिला मिश्र
7. डॉ.मालती बसंत
8. श्री सरन घई, कनाडा
9. अनुपमा अनुश्री, भोपाल
10.लक्ष्मी शंकर बाजपेई, दिल्ली
11. सुनीता श्रीवास्तव, इंदौर
12. साधना मिश्रा , लखनऊ
13. सविता अग्रवाल ,कनाडा
14. शेफालिका श्रीवास्तव भोपाल
15. प्रिया शुक्ला प्रियंशा, फिलिपींस
16. रश्मि प्रभा ,मुंबई
17. डॉ श्यामा गुप्ता दर्शना ,भोपाल
18. शोभा ठाकुर, भोपाल
19. मधुलिका सक्सेना ,भोपाल
20. डॉ अनुराधा पांडे, अन्वी ,लखनऊ
21. शालिनी बडोले, जयपुर
22. सूर्यकांत सुतार ‘सूर्या’,तंजानिया
23. कुंवर इंद्रजीत भोपाल
24. डॉ सुरेंद्र दत्त-देहरादून
25. रेखा गुप्ता, लखनऊ
26. मनी सक्सेना , भोपाल
27. नीलम प्रभा ,पटना
28.हरिहर झा मेलबॉर्न, ऑस्ट्रेलिया
29. अंजू लखनवी, लखनऊ
30- डॉ कीर्ति श्रीवास्तव, प्रयागराज
31. डॉ शांति शर्मा ,फ्लोरिडा
32. शोभा भिसे, भोपाल
33. चरणजीत सिंह कुकरेजा
34. प्रीति अग्रवाल अनुजा
35. बिंदु त्रिपाठी, भोपाल
36. डॉ ज्योत्सना सिंह, लखनऊ
37. ललिता मिश्रा,अबू धाबी
38. डॉ.राजेश कुमारी, लखनऊ
39. अर्चना पाल, लखनऊ
40 डॉ. सविता अग्रवाल कनाडा
41. डॉ नीलिमा दुबे, बेंगलुरु
42. पूजा कश्यप, लखनऊ
43. निधि गुप्ता, फिरोजाबाद
44. मधु श्रीवास्तव ,मुंबई
45. नेहा शर्मा, नोएडा
46. नलिनी जाधव , भोपाल
47. सपना साहू ,इंदौर
48. राधा गोयल , दिल्ली
49. तारा गुप्ता, लखनऊ
50. निरुपमा खरे , भोपाल
51. स्नेहलता , लखनऊ
52. ममता शर्मा, बेंगलुरु
53. उमा चौधरी, बेंगलुरु
54. डॉ माया दुबे , भोपाल
55. डॉ ऋतु शर्मा, नीदरलैंड
56.अरविन्द कुमारसंभव, जयपुर
57. रमाकांत शर्मा, नोएडा
58. मानसी श्रीवास्तव ‘ शिवन्या’ , मुंबई
59. डॉ . मनोहर अभय, मुंबई
60. सेवा सदन प्रसाद , मुंबई
61. कर्नल गिरिजेश सक्सेना ,भोपाल
विमोचन कार्यक्रम की अध्यक्षता महर्षि अगस्त्य वैदिक संस्थान के अध्यक्ष डाॅ. प्रभुदयाल मिश्र ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री मिलन नायडू, एवं विशिष्ट अतिथि डाॅ.वीणा सिन्हा, तथा मिस एशिया इंटरनेशनल 2021 निष्ठा श्रीवास्तव रहीं। राष्ट्र कवि श्री कृष्ण सरल के पौत्र अभिषेक सरल भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री मिलन नायडू ने अपने उद्बोधन में कहा” आजादी की जंग के दौरान साहित्यकारों की ओजपूर्ण रचनाओं ने भी जन जन में जोश भरने का काम किया था।”
विशिष्ट अतिथि स्री रोग विशेषज्ञ डाॅ.वीणा सिन्हा ने स्वतंत्रता के वास्तविक अर्थ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज विदेशों में भी हमारा भारतीय झंडा लहरा रहा है।
मिस एशिया निष्ठा श्रीवास्तव नें अपनी लेखकीय यात्रा और सौन्दर्य प्रतियोगिता जीतने तक के अनुभवों को साझा किया। । अभिषेक सरल नें कहा कि श्रीकृष्ण सरल राष्ट्र की धरोहर है। आजादी के तराने लिख उन्होने राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डाॅ प्रभुदयाल मिश्र ने भारतीय ज्ञान परंपरा, साहित्य और सौन्दर्य के सह सम्बंध पर विस्तृत चर्चा की।
इस दौरान साझा काव्य संकलन में शामिल रचनाकारों ने रचना पाठ भी किया।
उर्मिला मिश्र नें पढ़ा “वीर जवान कोटि कोटि प्रणाम “
निरुपमा खरे की काव्य पंक्तियाँ थी “ये गाथा है एक वीर नारी की, दीपशिखा बन चमकी वो “।
शोभा ठाकुर ने पढ़ा “स्वतंत्रता की बलिवेदी पर, मातृ भूमि पर प्राण निछावर। “
मधूलिका सक्सेना की काव्य पंक्तियाँ थीं “आजादी का अमृत महोत्सव मिलकर सभी मनाएंगें “
शेफालिका श्रीवास्तव ने पढ़ा ‘भारत की गौरव गाथा को सारी दुनिया गाती है। “
कार्यक्रम का संचालन कर रही बिन्दु त्रिपाठी ने पढ़ा “उठो जवान देश के संभाल लो कमान, जगे प्रसुप्त चेतना सजे नया विहान “मणि सक्सेना, नलिनी जाधव, रेखा भटनागर, श्यामा गुप्ता, चरणजीत सिंह कुकरेजा, अनुपमा अनुश्री और माया दुबे ने भी देशभक्ति पूर्ण रचनाओं से खूब समाँ बाँधा।
कार्यक्रम का सफल संचालन बिन्दु त्रिपाठी ने किया।