जगमग जगमग दीप जले है | Diwali ki kavita
जगमग जगमग दीप जले है
( Jagmag jagmag deep jale )
जगमग जगमग दीप जले है।
अँधियारे सब दूर टले है।।
घर घर में छाये खुशहाली ।
दिल में अरमां आज पले है।।
आज मिटा दो दिल से सारे।
जितने शिकवे और गिले है।।
इस दिल में जो वैर न रखते।
वो ही फूले और फले है।।
मुश्किल दौर सभी का जाता।
गिर गिर कर जो नित सँभले है।।
फूल खिले उनकी राहों में।
काँटों पर जो रोज चले है।।
एक भरोसा रब का जिसको।
इक दिन उसके दिन बदले है।।
दौर थमे न खुशियों का ये।
महफिल को हम छौङ चले है।।
कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)
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