चैन दिल को ज़रा अब ख़ुदा भेज दें
चैन दिल को ज़रा अब ख़ुदा भेज दें

चैन दिल को ज़रा अब ख़ुदा भेज दें

 

 

चैन दिल को ज़रा अब ख़ुदा भेज दें

जख़्मों की मेरे ही तू दवा भेज दें

 

जी लिया हूँ दुखों में बहुत दिन मगर

जीस्त में रब ख़ुशी की हवा भेज दें

 

प्यार हो दोस्ती हो सनम हो ख़ुशी

जीस्त में रब ऐसा सिलसिला भेज दें

 

जीत लूं प्यार की जंग मैं नफ़रत से

मेरे हक में ख़ुदा फ़ैसला भेज दें

 

ए ख़ुदा अब यादों में दिन नहीं कटते है

जिंदगी में वाफिस जो जुदा भेज दें

 

जिंदगी कटती तन्हा नहीं आज़म की

हम सफ़र कोई अब ज़रा भेज दें

 

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शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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