बाढ़ विभीषिका | Baadh Vibhishika
बाढ़ विभीषिका
( Baadh Vibhishika )
नदी उफान~
बाढ़ की विभीषिका
डूबे मकान
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मूसलाधार~
झुग्गी-झोपड़ियों का
कहाँ आधार
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हुई है भूल~
ताश के पत्तों जैसा
ढहता पुल
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जीवन त्रस्त~
अथाह जल राशि
हौसले पस्त
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हे!कद्रदान~
नदी से नदी जोड़ो
है समाधान
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निर्मल जैन ‘नीर’
ऋषभदेव/राजस्थान