एक सखी नेक सखी चाहिये

एक सखी नेक सखी चाहिये

एक सखी नेक सखी चाहिये
व्यस्त व मदमस्त सखी चाहिये

पेश सदा प्रेम से आये तथा
कर्म से आदर्श सखी चाहिये

सर्व गुणों से न हो संपन्न पर
मन से जो हो श्रेष्ठ सखी चाहिये

फल से पेड़ सी समृद्ध औ’
नम्र व प्रेमाळ सखी चाहिये

धीर व गंभीर चरित्रवान औ’
शांत व गुणवान सखी चाहिये

व्यर्थ के खर्चे न करे जो ‘कुमार’
मुझ को न खर्चाळ सखी चाहिये
कुमार अहमदाबादी

प्रेमाळ- जो ज्यादा प्रेम करे
खर्चाळ – जो ज्यादा खर्चे करे

कुमार अहमदाबादी

प्रेमाळ – जो ज्यादा प्रेम करे
खर्चाळ – जो ज्यादा खर्चे करे

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