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फूल बिछाना आ गया | Phool Bichana aa Gaya

फूल बिछाना आ गया ! ( नज़्म ) तेरे आते ही मौसम सुहाना आ गया, इनकार में इकरार का जमाना आ गया। वही रस, वही लहजे में खनक,...

अहसास कवि का | Ahsaas Kavi ka

अहसास कवि का ( Ahsaas kavi ka )    जब खिले फूल खुशबू को महकाते है हाल भंवरो का जो मंडराते है हर चमन मे उढे जब ये सैलाब...

मेरी प्रार्थना | Meri Prarthana

प्रार्थना ( Prarthana )    पर्वत  घाटी  ऋतु  वसंत  में नभ थल जल में दिग्दिगंत में भक्ति  भाव  और अंतर्मन में सदा  निरंतर  आदि  अंत  में             युगों युगों तक तुम्हीं...

तुम मिले | Tum Mile

तुम मिले… सब कुछ मिल गया ( Tum mile sab kuch mil gaya )    तुम मिले बहारें आई समझो सब मिल गया। चेहरों पे रौनक छाई खुशियों...

पुनीत पर्व शरद पूर्णिमा | Poem in Hindi on Sharad Purnima

पुनीत पर्व शरद पूर्णिमा ( Puneet parva sharad purnima )    ज्योत्स्ना मचल रही,अमिय वृष्टि करने को षोडश कला सोम छवि, अनूप कांतिमय श्रृंगार । स्नेहिल मोहक सौंदर्य, अंतर सुरभिमय आगार...

वो चाहें हो कुछ हंगामा | Vo Chahe

वो चाहें हो कुछ हंगामा ( Vo chahe ho kuch hungama )   वो चाहें हो कुछ हंगामा, बन जाए कोइ फसाद नया ! इस पावन भू में...

अमृतवर्षा की प्राचीन प्रथा | Amrit Varsha

अमृतवर्षा की प्राचीन प्रथा ( Amrit varsha ki prachin pratha )    पुरानें समय से ही चली आ रही है ये प्रथा, शरद पूर्णिमा सब जगह पर...

जलाओ न दुनिया को | Jalao na Duniya Ko

जलाओ न दुनिया को ! ( Jalao na duniya ko )   मोहब्बत की दुनिया बसा करके देखो, हाथ से हाथ तू मिला करके देखो। सूखे पत्ते के जैसे...

चाँद की आधी रात | Chand ki Aadhi Raat

चाँद की आधी रात ( Chand ki aadhi raat )    शरद की पूर्णिमा की रात में, पूरे चाँद की आधी रात में, एक मीठी-सी कविता, अपने पूरे मन से...

निष्पक्ष मतदान | Nishpaksh Matdan

निष्पक्ष मतदान ( Nishpaksh matdan )   निर्भीक निष्पक्ष मतदान, सजग नागरिक पहचान अष्टादश वय पार हर नागरिक, अधिकृत अप्रतिम मत प्रयोग । निर्वहन अहम अनूप भूमिका, निर्मित लोकतंत्र सुखद जोग...