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फूल बिछाना आ गया | Phool Bichana aa Gaya
फूल बिछाना आ गया !
( नज़्म )
तेरे आते ही मौसम सुहाना आ गया,
इनकार में इकरार का जमाना आ गया।
वही रस, वही लहजे में खनक,...
अहसास कवि का | Ahsaas Kavi ka
अहसास कवि का
( Ahsaas kavi ka )
जब खिले फूल खुशबू को महकाते है
हाल भंवरो का जो मंडराते है
हर चमन मे उढे जब ये सैलाब...
मेरी प्रार्थना | Meri Prarthana
प्रार्थना
( Prarthana )
पर्वत घाटी ऋतु वसंत में
नभ थल जल में दिग्दिगंत में
भक्ति भाव और अंतर्मन में
सदा निरंतर आदि अंत में
युगों युगों तक तुम्हीं...
तुम मिले | Tum Mile
तुम मिले… सब कुछ मिल गया
( Tum mile sab kuch mil gaya )
तुम मिले बहारें आई समझो सब मिल गया।
चेहरों पे रौनक छाई खुशियों...
पुनीत पर्व शरद पूर्णिमा | Poem in Hindi on Sharad Purnima
पुनीत पर्व शरद पूर्णिमा
( Puneet parva sharad purnima )
ज्योत्स्ना मचल रही,अमिय वृष्टि करने को
षोडश कला सोम छवि,
अनूप कांतिमय श्रृंगार ।
स्नेहिल मोहक सौंदर्य,
अंतर सुरभिमय आगार...
वो चाहें हो कुछ हंगामा | Vo Chahe
वो चाहें हो कुछ हंगामा
( Vo chahe ho kuch hungama )
वो चाहें हो कुछ हंगामा, बन जाए कोइ फसाद नया !
इस पावन भू में...
अमृतवर्षा की प्राचीन प्रथा | Amrit Varsha
अमृतवर्षा की प्राचीन प्रथा
( Amrit varsha ki prachin pratha )
पुरानें समय से ही चली आ रही है ये प्रथा,
शरद पूर्णिमा सब जगह पर...
जलाओ न दुनिया को | Jalao na Duniya Ko
जलाओ न दुनिया को !
( Jalao na duniya ko )
मोहब्बत की दुनिया बसा करके देखो,
हाथ से हाथ तू मिला करके देखो।
सूखे पत्ते के जैसे...
चाँद की आधी रात | Chand ki Aadhi Raat
चाँद की आधी रात
( Chand ki aadhi raat )
शरद की पूर्णिमा की रात में,
पूरे चाँद की आधी रात में,
एक मीठी-सी कविता,
अपने पूरे मन से...
निष्पक्ष मतदान | Nishpaksh Matdan
निष्पक्ष मतदान
( Nishpaksh matdan )
निर्भीक निष्पक्ष मतदान, सजग नागरिक पहचान
अष्टादश वय पार हर नागरिक,
अधिकृत अप्रतिम मत प्रयोग ।
निर्वहन अहम अनूप भूमिका,
निर्मित लोकतंत्र सुखद जोग...