अवध में श्रीराम | Avadh me Shri Ram
अवध में श्रीराम
( Avadh me Shri Ram )
धन्य धन्य हुई अवधपुरी है स्वर्णिम से ये नज़ारे हैं,
जग के पालनहारे रघुवर भव्य मंदीर में पधारे हैं!!
जय हो प्रभुवरम्, स्वागतम् जिनवरम् !
जय जय प्रभुवरम् , सुस्वागतम जिनवरम् !!
आपके स्वागत में स्वर्गों से उतरे देव भी सारे हैं,
जग के पालनहारे रघुवर भव्य मंदिर में पधारे हैं!!
जय हो प्रभुवरम्, स्वागतम् जिनवरम् !
जय जय प्रभुवरम् , सुस्वागतम जिनवरम् !!
श्रमण संस्कृति में बलभद्र अष्टम् श्रीराम कहाए हैं,
इसी रूप में प्राण प्रतिष्ठा देख सभी हर्षाए हैं !!
जय हो प्रभुवरम्, स्वागतम् जिनवरम् !
जय जय प्रभुवरम् , सुस्वागतम जिनवरम् !!
हे कौशल्यानंदन ! पिता को प्राणों से प्यारे हैं,
वनवासी मुद्रा देख जो अंत में राम पुकारे हैं,
राज पाट सब त्याग रघुकूल रीत निभाते हैं,
अहोभाग् मान राम पिता का वचन निभाते हैं!
बन जाकर जो राम बन गए संयम करूणा धारे हैं,
भक्तों के उद्धारक तपस्वी शलाका पुरुष अवतारे हैं!!
जय हो प्रभुवरम्, स्वागतम् जिनवरम् !
जय जय प्रभुवरम् , सुस्वागतम जिनवरम् !!
चैतन्य पुंज शाश्वत रत्नत्रय आधारी हैं,
पुराण पुरूषोत्तम महायोगी अनंत अविकारी हैं,
सत्यवाक् वेदात्म सौम्यउज्जवल मनोहारी हैं,
युगदृष्टा-सृष्टा भी सनातन अवध त्रिपुरारी हैं !!
सुर नर मुनि गण पूजते तुमको सहस्रनाम तिहारे हैं,
धन्य धन्य श्रमणत्व आपका कहते चांद सितारे हैं !!
जय हो प्रभुवरम्, स्वागतम् जिनवरम् !
जय जय प्रभुवरम् , सुस्वागतम जिनवरम् !!
सरयू तट पर मंदीर तुम्हारी बाट जोहते हैं,
जगतपूज्य श्रीराम अब तक टेंट में बसते हैं,
जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की बेला आई है,
सुभिक्ष हुआ चहुंओर भारत भूमि हर्षाई है!!
अवधपुरी में ही ना विराजें ह्रदयांचल में भी वास रहे,
श्रीराम सा आचारण भी निभाएं भक्तों से यह आस रहे!!
जय हो प्रभुवरम्, स्वागतम् जिनवरम् !
जय जय प्रभुवरम् , सुस्वागतम जिनवरम् !!
( नागपुर )