Dr. Bhimrao Ambedkar par Kavita
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जय भीम

( Jai Bhim ) 

 

जय भीम जय भीम, जय मंगल मूर्ति,

जय भीम जय भीम, जय कामना पूर्ति।

जय भीम…।।1।।

 

राष्ट्र निर्माण कर तूने संवारा,

      दिया संविधान तेरा उपकारा।

दीन-दुःखी सारे तेरे गुण गाए,

      धन्य हुए सब हरदम मुस्काएं।

जय भीम…।।2।।

 

तू मन मंदिर मेरे सदा बसा है,

      खून मेरे ही अब तेरा नशा है।

मान और सम्मान तूने ही दिया है,

      संविधान रचयिता ने रहम किया है।

जय भीम…।।3।।

 

मेरा मालिक तू मेरा खुदा है,

      मानवता में तू सबसे जुदा है।

आज मैं हूं जो तेरा करम है,

      जग से प्यारा तू मेरा परम है।

जय भीम…।।4।।

 

तेरा करम जो अब मेरा धरम है,

      जनसेवा करना ही मेरा करम है।

देश मेरा जो संविधान की शान है,

      देशवासी तेरे और तू हिंदुस्तान है।

जय भीम…।।5।।

 

रचनाकार – हरिदास बड़ोदे ‘हरिप्रेम’
शिक्षक/कवि/लेखक/लोकगायक/समाजसेवक
शहर-आमला, जिला-बैतूल (मध्यप्रदेश)

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