बुलंद हौंसले

Book Review | बुलंद हौंसले

पुस्तक समीक्षा: बुलंद हौंसले

Book Review: Buland hausle )

 

साहित्य समाज का दर्पण होता है ह्रदय में उठते भावों को शब्दों में बदलकर एक माला के रूप में पिरोना एक लेखक की वो कला है जिससे वह अपनी लेखनी से लिखित साहित्य को समाज के दर्पण के रूप में सबके सामने प्रस्तुत करता है और समाज में हो रहे बदलावों को दिखाता है |

“बुलंद हौंसला” ई-बुक के माध्यम से वीर भूमि शेखावटी से आदरणीय रमाकांत सोनी जी ने वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपनी लेखनी को निरंतर जारी रखा है जिसके लिये वो धन्यवाद के पात्र है | इन्होने अपने इस काव्य संकलन में समाज/देश को अग्रसर करने वाली रचनाओं को शामिल किया है |

इस काव्य संकलन को पढ़ने के पश्चात ऐसा प्रतीत होता है कि लेखक ने समाज के हर वर्ग को अपने शब्दों में अपनी लेखनी के माध्यम से उकरने का भरपूर प्रयास किया है |

जहाँ वर्तमान में एक और समाज में व्याप्त बुराइयाँ जैसे दहेज प्रथा , लड़का-लड़की में फर्क, लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार या कई प्रकार की यातनाएं देते हुए मौत के घाट उतार दिया जाता है वही लेखक ने अपनी एक कविता “बिटिया , खुश रहना ससुराल” में बिटिया को हर पल खुश रहने का आशीर्वाद देते है और उसका हौंसला बढ़ाते हुए कहते है कि बिटिया तुम हर समस्या का सामना हिम्मत से करना और हर रिश्ते का महत्व समझते हुए अपने घर को स्वर्ग बनाना |

इस पूरी कविता को पढ़ने पर आपको इसका पत्ता चल जायेगा | इस कविता के साथ-साथ उन्होंने इस संकलन में नारी सशक्तिकरण और कन्या भूर्ण हत्या जैसी समाज में व्याप्त बुराइयों के विरुद्ध अपनी लेखनी के माध्यम से बुलंद आवाज उठाई है |

वैसे तो शेखावटी क्षेत्र अपनी वीरता के लिये अपने प्रारम्भिक समय से ही अपनी अगल पहचान बनाये हुए है क्योंकि ये वो क्षेत्र है जहाँ का कोई भी नौजवान भारत माता की सेवा के लिये हँसते हँसते अपनी आन बान शान भारत माँ पर न्योछावर कर देने को हमेशा तत्पर रहता है |

लेखक भी इसी माटी में पला-बड़ा है तो इनकी रगो में दौड़ती वीरता इनकी लेखनी के माध्यम से स्पष्ट दिखाई देती है | इनकी रचनाएँ पढ़ने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि लेखक स्वयं सरहद पर खड़ा होकर सरहद पर रहकर दिन रात देश सेवा करने वालें जवानों में जोश भरने के लिये अपनी कविताएँ उनको सुनाते हुए उनके जोश,जज्बे को दुगना कर रहा है | इनकी कविताओं से वीर रस राष्ट्रभक्ति और मातृभूमि के प्रति असीम प्रेम की धार टपकती हुए नजर आती है |

इन सब के साथ साथ लेखक अपनी माटी से भी गहराई से जुडा हुआ प्रतीत होता है जो इनकी रचनाएँ “गाँव की माटी” , “प्यारा राजस्थान में” , “हमारे बुजर्ग हमारी धरोहर” इत्यादि कविताओं में आसानी से देखने को मिल रही है |

इस काव्य संकलन की भाषा अति सरल , सार्थक शब्दों का चयन , भावों की प्रवाह शैली उचित एवं आमजन को आसानी से समझने वाली है |

आदरणीय रमाकांत सोनी जी आपको आपके इस काव्य संकलन “बुलंद हौंसलें” के लिये अनंत हार्दिक बधाईयाँ एवं माँ शारदे की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे इसी शुभकामना के साथ एक बार फिर से आपको आपके उज्जवल भविष्य के लिये हार्दिक शुभकामनायें |

लेखक के बारे में :-
वीरों के भूमि शेखावाटी से संबंध रखने वालें राज्य स्तरीय , राष्ट्रीय स्तरीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तरीय साहित्यिक संस्थानों के कई सम्माननीय अलंकारों से सम्मानित श्री रमाकांत सोनी जी का जन्म शेखावाटी क्षेत्र के झुंझुनू जिले की नवलगढ़ तहसील में हुआ है।

निजी कालेज में कार्यालय अधीक्षक से वर्तमान में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर जांगिड़ अस्पताल नवलगढ़ मे कार्यरत हैं लेखन के साथ साथ अपनी ओजस्वी वाणी से सबका दिल जितने का हुनर भी रखते है |

पुस्तक और पुस्तक के शीर्षक के बारे में :-
पुस्तक सरल भाषा में लिखी गई जिसकी प्रत्येक रचना सीधे ह्रदय को छुती है | पूरी किताब को पढ़ने के बाद महसूस होता है कि पुस्तक का शीर्षक सही एवं सार्थक है |

पुस्तक का नाम : बुलंद हौंसले
लेखक : रामकांत सोनी
प्रकाशक : अभिव्यक्ति ई-पब्लिशिंग
प्रकाशन वर्ष : 2021
प्रष्ठ संख्या : 192
आई एस बी एन :
कीमत :

समीक्षक :
श्याम सुन्दर महरड़ा
उप निरीक्षक (भारत सरकार)
संस्थापक : अनकहे अल्फाज़ साहित्यिक संस्थान , कि. रेनवाल
सम्पादक : आगाज (ई-बुक)
पता : मलिकपुर , जयपुर (राजस्थान)

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