बेटी | Chhand
बेटी
( Beti )
( मनहरण घनाक्षरी छंद )
लक्ष्मी अवतार बेटी
घर का संस्कार बेटी
देश का सम्मान होती
दो दो वंश तारती
शिक्षा की जोत जलाती
घर में रौनक लाती
हुनर कौशल दिखा
घर को संवारती
मां का अरमान बेटी
पिता का सम्मान बेटी
वतन की बागडोर
कमान संभालती
गुणों का विधान बेटी
हौसला उड़ान बेटी
मात-पिता का मान है
गर्व करे शान से
गुणों से कुल तारती
गृहस्थ रथ सारथी
मंजिलें बेटियां पाती
उन्मुक्त उड़ान से
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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