Hindi ke Utsang Mein

हिंदी मेरी मां है, पीपल की छांव है

हिंदी मेरी मां है एक रात ख्वाब में आई, हिंदी मांसुनाने लगी अपनी दास्तांमैं तुम्हारी मां हूं, पीपल की छांव हूंसुबह उठती हूं, प्यार से जगाती हूं,लोरी प्रेम की हर दिन सुनाती हूंव्यथित मन अब टूटने लगामुझको सब अब लूटने लगातुम भी चुप, सब कुछ सह जाते हो,जानकर भी अनजान रह जाते होमेरे चंद्र को…

एकांत

एकांत | Ekant

एकांत ( Ekant ) यह एकांत जो हमें ,हमसे मिलाता है ।यह एकांत जो हमें ,जीना सिखाता है ।यह एकांत जो हमें ,शक्तिशाली बनाता है ।यह एकांत जो हमारे ,गुणों को बाहर लाता है ।यह एकांत जो हमारे ,ह्रदय में चैन लाता है ।और धीरे धीरे यह ,हमारे जीवन का ,महत्वपूर्ण भाग बन जाता है…

Chhand Gajanand

गजानंद जी चले | Gajanand ji Chale

गजानंद जी चले ( Gajanand ji Chale ) गजानन जी चले अपने धामचलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम। झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवानमूषक पर होके सवार चले गजानन जीआया बुलावा मां पार्वती कागजानन जी चले अपने धामचलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम भक्तों की पड़ी भीड़ देने को विदाईआज तो सारा जग है…

तुम आओ तो, ईद हो जाये

तुम आओ तो, ईद हो जाये

तुम आओ तो, ईद हो जाये न जाने कितनी बारपढ़ा है मैंने तुम्हारा चेहराखामोश-सी तुम्हारी आँखेइस बार तुम्हारी सदा कोएक अनुकृति से सजाया है मैंनेऔर—-देह को एक लिबास पहनाया हैकहो न, इस देह सेअब तो तोड़कर आ जायेसारी बंदिशे—-सारी जंजीरें—-सारे बंधन—-मेरे इस शहर,मेरी इस गली मेंऔर लाँघ जाओमेरे घर की चौखट को।साथ में लेकर आ…

Zindagi Tere Rang Hazaar

ज़िन्दगी तेरे रंग हज़ार | Zindagi Tere Rang Hazaar

ज़िन्दगी तेरे रंग हज़ार ( Zindagi Tere Rang Hazaar ) ज़िन्दगी तेरे, रंग हज़ार ।किसी में नफ़रत , किसी में प्यार । कहीं है पतझड़ ,कहीं बहार ।किसी में जीत , तो किसी में हार । कहीं सुकून तो , कहीं तनाव ।हर पल रंग ,बदलती ज़िन्दगी । कभी सुख, देती बेशुमार ।कभी कभी ,…

Zindagi Apno ke Sang

जिंदगी अपनों के संग | Zindagi Apno ke Sang

जिंदगी अपनों के संग ( Zindagi apno ke sang ) जिंदगीअपनों के संगनित नए सपनों के संगनए अलबेले रंगकभी खुशीकभी गमहर रोज एक जंगना हो तंगना दंगप्रकृति सुनाती चंगजीने का सीख सही ढंगले सब संबंध रिश्ते नाते संगपी विश्व बंधुत्व की भंगछोड़ दे सभी धपंगलूट लुटा खुशियों के रंगजी ले ओ मलंगआया था रे तू…

Visthapan ka Dard

विस्थापन का दर्द | Visthapan ka Dard

विस्थापन का दर्द ( Visthapan ka Dard ) विस्थापन का दर्द बहुत हीपीडादेह होता हैं ..इस पीड़ा को इस यातना को शब्दों में व्यक्त करना बहुत कठिन होता हैंअपने लोग ..अपनी जमीन..अपनें घर की छत…बसा बसाया संसार..युद्ध…आतंक…भय…हिंसा…मृत्यू के डर के भार से बस थोड़ा-बहुत भार कम होता हैं विस्थापन का….बहुत दर्दनाक और भयावह होता हैंविस्थापन…

Kahani Bhooton ka Agent

क्या शैतान सच में होते हैं

क्या शैतान सच में होते हैं क्या सच में,होते हैं शैतान ?या ये है केवल,हमारा अनुमान ।हां वाकई,होते हैं शैतान ।जब हम करते हैं,कोई बुरा काम ।या फ़िर करते हैं,बड़ों का अपमान ।तब हमारे भीतर ही,प्रविष्ट हो जाते हैं ;ये दुष्ट शैतान ।जब हम, भूल जाते हैं ,सही ग़लत की पहचान ।तभी हमें उकसाते हैं…

बदलते समय के साथ बदलती हुई हिंदी

हिन्दी के अन्तर के स्वर

हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा मान्य किये जाने के लिये १९७५ में लोकसभा में प्रस्तुत प्रस्ताव अमान्य कर दिये जाने के क्षोभ और विरोध में “हिंदी के अंतर के स्वर” शीर्षक रचना लिखी गई।१९७६ में मारीशस के द्वितीय विश्व हिंदी सम्मेलन में यह रचना प्रस्तुत हुई तो यह वहाॅं प्रशंसित और अभिनन्दित हुई।इस रचना के…