एकता का प्रतीक

एकता का प्रतीक

एकता का प्रतीक एकता का प्रतीक मकर संक्रान्तिजिन्हें जानकर दूर होगी भ्रांतिसभी जाति ,संप्रदाय, पंथ वालोंमिलकर रहो बनी रहेगी शांति । तिल है कालाचावल है उजलाशक्कर है गेरूआमूंग है हरासभी है एक रस में घुला । चावल , दाल मसाले मिलकरसबने एक खिचड़ी बनाईयह पर्व मानव को सौंपकरऋषि, मनि एक बात सिखाई । भले हमारा…

मेरे दिल की बस्ती

मेरे दिल की बस्ती

मेरे दिल की बस्ती मेरे दिल की बस्ती क्यों इतनी है सस्तीन कोई हलचल न कोई मस्तीलोग आकर चले जाते हैंनहीं रुकती कोई हस्ती।। मैं भी सोचता हूं कोई आकर गुलज़ार करेंथोड़ा रुक कर यहां इंतजार करेंकुछ बहार लाए जिन्दगी मेंहमसे भी कोई प्यार करें।। जिंदगी का मेरे कोई थोड़ा किनारा बनेसाथ साथ चलने का…

मकर संक्रांति (खिचड़ी)

मकर संक्रांति (खिचड़ी)

मकर संक्रांति (खिचड़ी) भगवान विष्णु ने असुरों पर विजय प्राप्त किया था,भगवान सूर्य इस दिन धनु से मकर में प्रवेश किया था।इस दिन पवित्र नदियों में लोग स्नान कर दान करते हैं,भागीरथी संग गंगा ने कपिल आश्रम में प्रवेश किया था।। प्रयाग में स्नान करने से पापों से छुटकारा मिलता हैं,गंगासागर में स्नान को महास्नान…

घी दही संग खिचड़ी खाए

घी दही संग खिचड़ी खाए

घी दही संग खिचड़ी खाए विष्णु ने काटा असुर सिर,सिर गाड़ दिया मंदराचल परजीत सभी संक्रान्ति पर्व मनाये,रवि उत्तरार्द्ध होकर मकर जाए । चीनी की पट्टी, गुड़ का डुन्डा,तिल का लड्डू मन को भाये।कुरई में रखकर लाई चूरा,घी दही संग खिचड़ी खाये। राज्यों में अनेक नाम प्रसिद्ध,कहीं खिंचड़ी कहीं लोहड़ी तो,कही पोंगल माघी, उत्तरायण,देशवासी मकर…

ग़ुज़र रहा फूलों का मौसम

ग़ुज़र रहा फूलों का मौसम

ग़ुज़र रहा फूलों का मौसम ( पूर्णिका ) ग़ुज़र रहा फूलों का मौसम चर्चा फिर भी फूल की।इसी बात पर और कंटीली काया हुई बबूल की। जुड़ने वाले हाथ कटे हैं झुकने वाला सिर गिरवीऐसा लगता है मैंने मंदिर में आकर भूल की। रोज़ खुली रामायण पढ़ते पढ़ते जाते छोड़ पिताबड़े प्रेम से हवा बिछा…

lohri kavita

लोहड़ी आई रे

लोहड़ी आई रे लोहड़ी आईसभी जनों बधाईहर्ष उल्लास गाना बजानाखान पान संग होपंजाबी गीत। खूब जलेगीफुले रेवड़ी अग्नि मेंअर्पित होंगे। नाचेंगे सारेमहफिल सजेगीआग के बीच। मुबारक होनव जोड़ो लोहड़ीकी सौगात हो। खुशियों डेराजात पात का भेदमिटाना आज। लोहड़ी आईसुंदरी मुंदरी केगीत गायेगे। लता सेन इंदौर ( मध्य प्रदेश ) यह भी पढ़ें :-

makar sankranti ka ullas

मकरसंक्रांति का उल्लास

मकरसंक्रांति का उल्लास सोचा था इस बार तेरे संग पतंग उड़ाऊं,तेरे हाथों से डोर थाम, सपनों को आसमान में ले जाऊं।आसमान संग हमारी खुशी को मैं जीता जाऊं,तेरे साथ हर पल को मैं सजीव बनाऊं। सूरज की किरणों में तेरी मुस्कान को पाऊं,तेरी हंसी की मिठास से, मैं दिन को सजाऊं।दिल की रोशनी से हमारा…

जाऊँ क्यों मैं घूमने

जाऊँ क्यों मैं घूमने

जाऊँ क्यों मैं घूमने ( कुण्डलिया ) जाऊँ क्यों मैं घूमने, सारे तीरथ धाम।कण-कण में हैं जब बसे, मेरे प्रभु श्री राम। मेरे प्रभु श्री राम, बहुत हैं मन के भोले।खाये जूठे बेर, बिना शबरी से बोले। सच्ची हो जो प्रीत, हृदय में तुमको पाऊँ।तुम्हें ढूंढने और, कहीं मैं क्यों कर जाऊँ। डाॅ ममता सिंहमुरादाबाद…

राष्ट्रीय युवा दिवस

राष्ट्रीय युवा दिवस : स्वामी विवेकानंद

राष्ट्रीय युवा दिवस : स्वामी विवेकानंद स्वामी विवेकानंद महान।सब करते उनका सम्मान।।यह युवा दिवस उनके नाम।हिंदुस्तान की थे वो शान।। देश की संस्कृति को बचाया।हिंदुस्तान का मान बढ़ाया।।सच रहा पर वो सदा चले।ज्ञान का पाठ सबको पढ़ाया।। गरीब की मदद करो बताया।दिलों में देश का प्रेम जगाया।।प्यार स्वामी विवेकानंद जी ने।देश हित मार्ग सबको दिखाया।।…

मकर संक्रांति

मकर संक्रान्ति

मकर संक्रान्ति मकर संक्रान्ति पर्व परहमारे जीवन में नवचिन्तन का सृजन होंऔर आशा हमारे जीवन केहर पल को उत्साह से भरती जायें ।क्योंकि सकारात्मक जीवनव चिंतन का अपना एकअलग ही आनंद और उत्साह है,इससे दुःख की धारा का प्रवाहस्वतः ही पड़ जाता मंद है ।मरना सिर्फ एक ही दिन परजीने के दिन तो अनेक है,सत्य…