क्षुल्लक श्री तारण सागर जी महाराज

एक सो ग्यारह उपवास : बाल योगी क्षुल्लक श्री तारण सागर जी महाराज साहेब रचने जा रहे हैं एक अदभुत, अनोखा इतिहास

आचार्य श्री कुंथुसागर जी और आचार्य श्री गुणधर सागर जी महाराज साहेब के गुणी, प्रिय और तपस्वी, शिष्य, सलूम्बर गौरव बाल योगी 105 क्षुल्लक श्री तारण सागर जी महाराज साहेब ने एक बड़ा ही अदभुत संकल्प लिया है.. एक सो ग्यारह उपवास का.. आगे बढ़ने से पहले मैं बता दु की जैन मुनि अपने गृहस्थ…

झूठ बोल कर मैने कैमरा खरीदा

झूठ बोल कर मैने कैमरा खरीदा

अकोला में सिटी कोतवाली के पास गांधी रोड पर अभी जो खंडेलवाल ज्वेलर्स है न वहां या शायद उस के आसपास कैमरे की एक दुकान थी.. जब भी वहां से गुजरता तो बड़ी ही हसरत से उस दुकान को देखता ओर बाहर से ही उस मे रखे कैमरे को निहारता.. भीतर जाने की हिम्मत नही…

राखी पर गिफ्ट माँगा भाई से

राखी पर गिफ्ट माँगा भाई से

आज कल हमारे समाज में पश्चिमी सभ्यता का बहुत बड़ा बोला बाला है। जिसके कारण हमारी संस्कृति और संस्कारो का तो एक दम से समपट सुआहा हो रहा है। हर चीज एक तरफ ही चल रही है। आप हमें दो, परन्तु वो ही आप हम से मत मांगो ? बच्चो को उच्च शिक्षा दिलाना बहुत…

तुलसी कौन थी?

तुलसी कौन थी?

हमारा देश धर्म के साथ भावना प्रधान देश है जहाँ न जाने कितनी धर्म मान्यताओ और आस्थाओ में हम सब विश्वास करते है। तभी तो हमारी संस्कृति अभी तक बची हुई है। इसी के अंतर्गत तुलसी कौन थी ? तुलसी (पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थी। जिस का नाम वृंदा था, राक्षस कुल में…

तुलसी जयंती

तुलसी जयंती

(भक्ति, साहित्य और दार्शनिक चिंतन का संगम) तुलसी जयंती, भारतीय संस्कृति और साहित्य में एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण और पावन पर्व है। यह दिवस भक्तिकाल के अमर कवि, दार्शनिक, समाज सुधारक और कालजयी महाकाव्य रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह मात्र एक तिथि विशेष नहीं, बल्कि एक…

‘कुल की रीति’ का दार्शनिक आलोक

‘कुल की रीति’ का दार्शनिक आलोक

‘तुलसी’ कबहुँ न त्यागिए, अपने कुल की रीति।लायक ही सों कीजिए, ब्याह, बैर अरु प्रीति॥ संदर्भ :— यह दोहा गोस्वामी तुलसीदास की नीति पर आधारित रचना “रामचरितमानस” का नहीं है, बल्कि यह “विनय पत्रिका” या उनकी किसी अन्य स्वतंत्र नीति-काव्य रचना से भी नहीं लिया गया माना जाता। बल्कि यह दोहा तुलसीदास जी के नाम…

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद

प्रेमचंद जयंती

(साहित्य का दीप और समय का दर्पण) प्रत्येक युग में समय की धारा को दिशा देने वाले कुछ युगद्रष्टा जन्म लेते हैं, जो अपनी लेखनी से न केवल साहित्य का विस्तार करते हैं, अपितु समाज की चेतना को जाग्रत कर, उसे एक नई दृष्टि प्रदान करते हैं। मुंशी प्रेमचंद ऐसे ही कालजयी साहित्यकार थे, जिनके…

नाग पंचमी विशेष

नाग पंचमी सांस्कृतिक आस्था और पर्यावरणीय चेतना का पर्व

भारत की संस्कृति विविधताओं से भरी हुई है, जहाँ प्रत्येक पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, अपितु लोकमानस की गहराइयों से जुड़ा एक जीवन-दर्शन होता है। नाग पंचमी भी ऐसा ही एक पर्व है, जो आध्यात्मिक श्रद्धा, प्रकृति के प्रति सम्मान और सांस्कृतिक चेतना का सशक्त प्रतीक है। नाग पंचमी का उल्लेख अनेक पुराणों और महाभारत…

प्रेत बाधा एव वास्तु

प्रेत बाधा एव वास्तु

भूत प्रेत अपार शक्ति सम्पन्न एव इनकी बिभिन्न प्रकार की जातियां होती है भूत प्रेत पिचास राक्षस यम साकिनी डाकिनी चुड़ैल गंधर्व आदि। यदि महादशा में चंद की अंतर्दशा और चंद्र दसापति राहु से भाव 6 8 या 12 में बलहीन हो तो व्यक्ति पिचास दोष से ग्रस्त होता है वस्तु शास्त्र के अनुसार पूर्वा…

सुंदर लाभकारी सुंदरकांड

सुंदर लाभकारी सुंदरकांड

यह बताते हुए बड़ा ही हर्ष हो रहा है कि हिंदी के मार्तण्ड मुर्धन विद्वान् कवि कुल कमल दिवाकर बाबा तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री राम चरित मानस का हृदय कहा जाने वाला मानस का वह कांड जिसमे हनुमान जी का माता सीता से मिलना और लंका दहन का उल्लेख है । ऐसे सुंदर से…