स्वस्थ जीवन

स्वस्थ जीवन

यह बात तो साधारण सी है पर स्वस्थ जीवन के लिए अपरिहार्य भी है। हम अपने जीवन में चाहते हैं कि अगर अच्छे काम करें वह अपने कुल का नाम करें आदि – आदि तो सर्वप्रथम अपनी आदतों पर सही से ध्यान दें। यह आदतें ही तो हमारे जीवन की दशा और दिशा सही से…

हरियाणवी को भाषा का दर्जा दिलाने के लिए अलख जगा रहे हैं , साहित्यकार डॉ.चंद्रदत्त शर्मा

हरियाणवी को भाषा का दर्जा दिलाने के लिए अलख जगा रहे हैं , साहित्यकार डॉ.चंद्रदत्त शर्मा

हर किसी को अपनी मातृभाषा या बोली प्यारी होती है। बच्चा अपना पहला शब्द अपनी मां बोली में ही बोलता है। यही कारण है कि आदमी कहीं भी जाए वह अपनी बोली को नहीं भूलता। हरियाणवी तो ऐसी बोली है कि फिल्म से लेकर विदेश तक धूम मचाए हुए है। उसकी सबसे बड़ी विशेषता यह…

एक पत्र आप सभी के नाम

एक पत्र आप सभी के नाम

आज एक ऐसे विषय पर आप सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ और एक मंच पर आमंत्रित कर रहा हूँ जो की हर समाज और जाति धर्म के लोगों के साथ हो रहा है। आधुनिकता के इस युग में वैसे तो पैसे की कोई भी कीमत नही है और न ही संस्कारों की, कीमत…

भारत रत्न भीमराव अंबेडकर

भारत, अंबेडकर और वर्तमान भारत

        डॉ. भीमराव अंबेडकर भारत के इतिहास में एक ऐसे महानायक हैं जिन्होंने न केवल समाज में व्याप्त भेदभाव के खिलाफ आवाज़ उठाई, बल्कि भारत को एक मजबूत और समतावादी संविधान भी प्रदान किया। उनका जीवन संघर्ष, ज्ञान और साहस की मिसाल है। उन्होंने अपने विचारों, कार्यों और क़ानूनों के माध्यम से एक ऐसे भारत…

dr.bhimrao ambedkar

बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर:-व्यक्तित्व एंव कृतित्व

अगाध ज्ञान के भंडार, घोर अध्यवसायी, अद्भुत प्रतिभा, सराहनीय निष्ठा और न्यायशीलता तथा स्पष्टवादिता के धनी डॉ.भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14, अप्रैल,1891ई. को इंदौर के पास महू छावनी में हुआ था।जन्म के समय उनका नाम भीम सकपाल था।डॉ.अंबेडकर साहब का जन्म महाराष्ट्र की सब से अछूत समझी जाने वाली महार जाति में हुआ था।,बाबा…

संविधान निर्माता नमन वंदन हे राष्ट्र रतन भारत पंचशील सिद्धांत अपनाया बौद्ध धर्म में हुये रत समानता भाईचारा मानवतावाद के पथ प्रदर्शक

“डॉ. भीमराव अंबेडकर: समता, न्याय और मानव गरिमा के पुरोधा”

14 अप्रैल को सम्पूर्ण भारतवर्ष में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जाती है। यह दिवस न केवल एक महापुरुष के जन्म की स्मृति है, बल्कि यह सामाजिक न्याय, समता और मानव गरिमा की स्थापना के संकल्प का प्रतीक भी है। डॉ. अंबेडकर का जन्म 1891 में एक निर्धन और…

Dr. Bhimrao Ambedkar par Kavita

दलितों के भगवान थे: डॉ भीमराव अम्बेडकर

आधुनिक समय में जहां लोग कुत्ते का जूठा पानी तो पी सकते थे लेकिन एक मनुष्य के छूने से लोगों का धर्म भ्रष्ट हो जाता था। उन्हें गांव से दूर जंगलों बस्तियों में रहने को मजबूर होना पड़ता था। उनकी जिंदगी जानवरों से भी बदतर थी। ऐसी परिस्थिति में एक ऐसे दिव्य महामानव का जन्म…

राष्ट्र निर्माता एवं दलितों के मशीहा डॉ भीमराव अंबेडकर

भीमराव अंबेडकर और आज: विचारों का आईना या प्रतीकों का प्रदर्शन?

डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारत को एक समतामूलक, न्यायप्रिय और जातिविहीन समाज का सपना दिखाया था। उन्होंने संविधान बनाया, शिक्षा और सामाजिक न्याय को हथियार बनाया, और जाति व्यवस्था का खुला विरोध किया। आज उनका नाम हर मंच पर लिया जाता है, लेकिन उनके विचारों को गंभीरता से अपनाया नहीं जाता। आरक्षण को राजनीतिक हथियार…

डॉ. सत्यवान सौरभ

“गाँव से ग्लोबल तक: डॉ. सत्यवान सौरभ की कलम की उड़ान”

(संघर्ष, साहित्य और संवेदना, हरियाणा की माटी से निकला साहित्य का सितारा, शब्दों से समाज तक,युवा साहित्य का उगता सूरज) भारत की मिट्टी ने सदैव ऐसे रचनाकारों को जन्म दिया है जिन्होंने समाज, संस्कृति और विचारों को नई दिशा दी है। इन्हीं में एक विशिष्ट नाम है डॉ. सत्यवान सौरभ, जो अपनी लेखनी के माध्यम…

Mahavir Swami par Kavita

आज के दौर में भगवान महावीर के विचारों की प्रासंगिकता

एक नैतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण की पुकार आज के भौतिकवादी और असहिष्णु समय में भगवान महावीर के विचार पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। उन्होंने अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अस्तेय और ब्रह्मचर्य जैसे सिद्धांतों के माध्यम से आत्म-शुद्धि और सामाजिक सद्भाव का मार्ग दिखाया। उनके विचार उपभोक्तावाद, हिंसा, पर्यावरण विनाश और नैतिक पतन जैसी समकालीन समस्याओं…