उस चाॅंद ने बहुत तड़पाया
उस चाॅंद ने बहुत तड़पाया आज आसमानी उस चाॅंद ने मुझे बहुत तड़पाया,रोज़ाना जो जल्द आता आज वक्त पर न आया।पाॅंव में पाज़ेब हाथ में चूड़ी ये मेहन्दी मैंने रचाया,ऑंख लगाएं बैठी रही ये इन्तज़ार ख़ूब कराया।। क्यों करते हो हर बार ऐसा करवा चौथ की शाम,भूखी प्यासी रहकर गृहणियां लेती तुम्हारा नाम।बहुत नाज़ुक है…