मैं नदी का शोर हूँ

मैं नदी का शोर हूँ

मैं नदी का शोर हूँ ( पूर्णिका ) मैं नदी का शोर हूँ मैं हूँ परिंदों का बयान, काट सकते हो अगर तो काट लो मेरी ज़ुबान। मैं अगर मिट्टी महज़ होता दफ़न आसान था।मैं हवा हूँ, रोशनी हूँ छेंक लूंगा आसमान । बिक रहे हैं ख़ुशनुमा नक़्शे खुले बाज़ार मेंखेत में उगता नहीँ हंसता…

Sumit ka Parichay

सुमित मानधना ‘गौरव’ की कविताएं | Sumit Mandhana Poetry

“पुलवामा अटैक-ब्लैक डे ऑफ इंडिया” जाया नहीं जाएगी कुर्बानीदेश के जवानों की,दुश्मनों तैयारी कर लोअपने जनाजे उठाने की। जवानों की शहादत परन खौले वो खून नहीं पानी है,जो देश के काम ना आएबेकार वह जवानी है। कभी पाकिस्तान कभी आतंकियों ने कि मनमानी है,इन्हे सबक सिखाने कीभारतीय जवानों ने ठानी है। जाया नहीं जाएगी कुर्बानी,मेरे…

जीवन समय

जीवन समय

जीवन समय जीवन का पहिया चलता रहता है,समय का पहिया घूमता रहता है।यूं तो इंसान के पास भी पहिए होते हैं,कभी गाड़ियों में,कभी विचारों में,कभी भाग्य में भी। तुमसे भी तेज़ दौड़ते समय के पैर नहीं होते,पैरों का लेकिन समय होता है। तुमसे छीनते समय, समय के हाथ भी नहीं होते,हाथों का लेकिन… तो, क्यों…

Ananad Asawle Poetry

आनंदा आसवले की कविताएं | Ananad Asawle Poetry

जागतिक महिला दिन 8 मार्च को जागतिक महिला दिवस,बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है।सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक,स्वतंत्रता से उनको सजाया जा रहा है। आज ध्यान से पढ़ाई कर रही कुंवारी,पदों को सम्मानित करते चली सवारी।एक शक्ति, प्रेरणा और उम्मीद से भरी।बढ़ रही है आगे आज की युग में नारी। नारी की उपलब्धियों पर एक…

मैं कितना बदल गया

प्रभात सनातनी “राज” गोंडवी की कविताएं | Prabhat Sanatani Poetry

हे क्रांतिवीर प्रणाम तुझे हे क्रांतिवीर प्रणाम तुझे,हे क्रांतिवीर प्रणाम तुझे।बारंबार प्रणाम तुझे, हे क्रांतिवीर प्रणाम तुझे।। जहां फांसी पर लटकाया था वह मिट्टी भी तो रोई होगी,जिस रस्सी पर झूले होंगे वह भी आंख भिगोई होगी।पर कायर दुश्मन की गद्दारी, होठों पर मुस्कान दिखी,हे शहीद मिल गया अब तो,जग का चारों धाम तुझे।।हे क्रांतिवीर…

विवाह संस्कार

विवाह संस्कार

विवाह संस्कार सात फेरे लेकर हम दोनों मिले,एक दूसरे के साथ जीवन का संगम बनाएं,और साथ में जीवन की यात्रा पर निकले। विवाह के बंधन में बंधने से ना डरें,एक दूसरे के साथ जीवन की यात्रा पर चलने का वचन दें,और साथ में जीवन की यात्रा पर निकलने का वचन दें। सात फेरे लेकर हम…

प्रकृति का मानवीकरण

प्रकृति का मानवीकरण

प्रकृति का मानवीकरण प्रकृति की गोद में हम रहते हैं,उसकी सुंदरता से हमें प्रेरणा मिलती है,की उसकी शक्ति से हमें जीवन मिलता है। प्रकृति की हरियाली में हम खो जाते हैं,उसकी ध्वनियों में हमें शांति मिलती है,की उसकी सुंदरता में हमें आनंद मिलता है। प्रकृति की शक्ति से हमें प्रेरणा मिलती है,उसकी सुंदरता से हमें…

प्रकृति हूं मैं कदर करो

प्रकृति हूं मैं कदर करो

प्रकृति हूं मैं कदर करो जल मैं, अग्नि मैं, वायु मैं ।वृक्ष,जीव,प्राणी, अचल हूं मैं ।। स्वर्ग का द्वितीय रूप मैं ।ईश्वर का महा चमत्कार मैं।। मनमोहक सा दिखता हूं ।मनमोहित मैं करता हूं ।। जिधर देखो , उधर हूं मैं ।हर तरफ हर जगह हूं मैं ।। चंद्र मैं , सूर्य मैं , भू…

Jeevan Basant

मस्त मद में बसन्त-सन्त है सखी

मस्त मद में बसन्त-सन्त है सखी आ रहा बसंत बसंतपुर से सखी, मन मस्त जोशीले कसक में सखी, पुराने गमगीन पत्तों का यूँ गिरना! नये सुकून की खुशली है सखी। मधुर मधुर हवा मंद-मंद ठण्डक, गुलाबी मौसम, बॉंधती गण्डक, लुभावन दिन और शीतल रात सखी, नये सुकून की उल्लास है सखी । होली सी रंग-बिरंगी…

Abha Gupta Poetry

आभा गुप्ता की कविताएं | Abha Gupta Poetry

फागुन का अंदाज निराला हरा, गुलाबी, पीला काला,कान्हा सँग रँग गई बृजबाला,मन यौवन खिल उठे हैं दोनों,फागुन का अंदाज निराला, बिन काजल अँखियाँ कजरारी,ढूँढे राधा के नैन बिहारी,भांग छान घूमें मतवाला,मले गुलाल मारे पिचकारी, देखो भर-भर पी रहे सारे,मधुमासी मौसम का प्याला,मन का उजला तन का कालाफागुन का अंदाज निराला, प्रेम प्यार सुख चैन की…