कर गया है और मुझसे एक वादा आज फ़िर
कर गया है और मुझसे एक वादा आज फ़िर कर गया है और मुझसे एक वादा आज फ़िर दे गया है मुझे ए दोस्त धोखा आज फ़िर तोड़कर दिल को गया था प्यार में जो कभी आ गया है सामने मेरे वो चेहरा आज फ़िर रिश्ते में ख़ुशबू वफ़ाओ की नहीं…
कर गया है और मुझसे एक वादा आज फ़िर कर गया है और मुझसे एक वादा आज फ़िर दे गया है मुझे ए दोस्त धोखा आज फ़िर तोड़कर दिल को गया था प्यार में जो कभी आ गया है सामने मेरे वो चेहरा आज फ़िर रिश्ते में ख़ुशबू वफ़ाओ की नहीं…
करोगे प्यार दुनिया में, सभी तुझको सताएंगे करोगे प्यार दुनिया में, सभी तुझको सताएंगे। वफ़ा के नाम पर धौखे, यहां तुझको खिलाएगे।। खुशी की चाह में अक्सर, ग़मों से सामना होगा। भरी कांटो की राहों में, कदम तुझको ले जाएगे।। रहोगे तुम सदा बनके, दिवानों की तरह जग में।। ग़मों के …
सितम जब वो मेरे सह गयी सितम जब वो मेरे सह गयी बात सीधे जिगर तक गयी।। दूसरों से गिला कुछ नहीं, मुझको अपनी नज़र लग गयी।। इश्क करने चला था मगर, बात ख्वाबों में ही रह गयी।। आंसू सम्भले नहीं बह गये, जाने धीरे से क्या कह गयी।। हमने रोका बहुत न…
गुलो-गुलजार करती है दिलों को सार की बातें गुलो-गुलजार करती है दिलों को सार की बातें। जुबां से फूल झरने दो करो बस प्यार की बातें।। दिलों को बांटते हैं जो रहे वो दूर ही हमसे। पङी इक ओर रहने दो सभी तकरार की बातें।। मुसलमां है न हिंदू है करे …
दोस्त वीरान ये जिंदगी है अभी दोस्त वीरान ये जिंदगी है अभी दूर मेरे ही दिल से ख़ुशी है अभी जोड़ा उससे नहीं दोस्ती का रिश्ता वो मेरे ही लिये अजनबी है अभी भूलने की कोशिश कर ली उसकी बहुत दिल में उसके लिये बेकली है अभी देख लिया प्यार…
उसने किया नहीं रिश्ता क़बूल है उसने किया नहीं रिश्ता क़बूल है! ये जुल्म भी किया उसका क़बूल है पर कर गया धोखा वादे के नाम पे उसका किया था जो वादा क़बूल है उसको तो सिर्फ़ आता नफ़रत का लहज़ा कब प्यार का किया लहज़ा क़बूल है इंकार करना…
खूबसूरत है बोलने का ही उसे लहज़ा नहीं खूबसूरत है बोलने का ही उसे लहज़ा नहीं! सच कहूँ मैं प्यार से ही पेश वो आता नहीं सोचकर करना है ये इजहार दिल से प्यार तू प्यार का आसान देखो ये इतना रस्ता नहीं प्यार से देखें हमेशा के लिये मुझको वही…
मेरी साँसों मे तेरी महक सी है मेरी साँसों मे तेरी महक सी है आँख खोलूं तो तेरी चमक सी है जब हाथ लग जाये कोई शाख पर लगता है इसमें भी तेरी लचक सी है गिर कर झड़ना जब जमीं पर टूट जाये इसको भी हो रही कोई कसक सी…
दिल अपना ग़रीब है ख़ुशी से दिल अपना ग़रीब है कब दिल अपना खुशनसीब है गिला क्या करुं ग़ैर से भला यहां तो अपना ही रकीब है किसे मैं हाले दिल सुनाऊँ अब नहीं कोई भी अपना हबीब है तन्हा हूँ नगर में बहुत यहां नहीं कोई मेरे करीब है…
एक तरफा प्यार है जिसके दिल में एक तरफा प्यार है अश्क आंखों में ही उसकी यार है जख़्म इतनें है मिले रूह तक कर गया वो जिंदगी को आजार है ख़्वाब टूटे है आंखों से ऐसे कल नींद से आंखें मेरी बेदार है प्यार की बातें न थी लब…