ए यारों मेरी पत्नी मेरी शान है !

ए यारों मेरी पत्नी मेरी शान है 

( Ye yaron meri patni meri shaan hai ) 

 

 

ए यारों मेरी पत्नी मेरी शान है !

करना उसका हमेशा ही सम्मान है

 

देखकर चैन मिलता है बस रुह को

वो मेरी ही ख़ुशी जिंदगी जान है

 

उसके ही नाम से जानेगा ये जहां

बन गयी  वो मेरी दोस्त पहचान है

 

देखकर उसकी आती हंसी प्यार की

वो लबों की मेरी जानम मुस्कान है

 

रोज़ आता नजर  वो ही चेहरा मुझे

प्यार का ही पिया जब से जाम है

 

 

और कोई नहीं भाता है आज़म को

धड़कनों में उसका ही लिखा नाम है

 

 

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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