डा. तरूण राय कागा जीवनी | Dr. Tarun Rai Kaga Biography in Hindi

डा. तरूण राय कागा जीवनी | Dr. Tarun Rai Kaga Biography in Hindi

कागा जीवनी दिनांक एक जनवरी 1946 को प्रभाणी परिवार में श्री रामचंद्र कागा के घर श्रीमती सांझी देवी की कोख से बालक का जन्म हुआ जिसका नाम तुला राशि में तगो तोतो तिलोक तिलक तोकल नाम में चयन करना था। परिजन किसी एक नाम को निश्चित नहीं कर पाये गांव भाडासिंधा तालुका छाछरो ज़िला थरपारकर…

अन्ना आंदोलन

यादों के बसेरों में कुछ भुला.. कुछ याद रहा

1992 से अन्ना उभरने शुरू हुए थे.. अकोला में दंगे के बाद जैन समाज के कुछ वरिष्ठ लोग दंगाग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण करने आए थे तब साथ मे अन्ना भी थे और उनको तब मैं बहुत अधिक नही जानता था। हम सब लोग चल रहे थे तो मैने अन्ना जी को कहा कि आप उधर…

Arjun Kagiya Family

अर्जुन कागिया परिवार | Arjun Kagiya Family

श्री अर्जुन कागिया गांव कागिया छाछरो ज़िला थरपारकर सिंध के पुत्र श्री पूरा की शादी सन् 1847 को गांव भाडासिंधा में श्री सोहजो पुत्र लाखो जोगू के घर श्रीमती बाओली से हुई । जिसकी तीन संतान क्रमश:1, खेतो 2, ठाकरो 3, टोहो हुए जिसमें टोहो की शादी सन् 1875 को गांव बिकलोकर श्रीमती रेखी पुत्री…

गांव देहात की यादें | Gaon Dehat Ki Yaadein

गांव देहात की यादें | Gaon Dehat Ki Yaadein

मेरे पड़ोस में एक सालिकराम चाचा हैं जो कि अपने समय के कक्षा 8 तक पढ़े हैं। वे अक्सर तर्क करते रहते हैं कि आज की पढ़ाई भी कोई पढ़ाई है। ना आज का इंटर, बी ए, ना हमारे जमाने का जूनियर हाई स्कूल । विशेष कर बच्चों से वें गणित के कठ बैठी सवाल…

Shikshak Mahaan

हमारे हाईस्कूल के शिक्षक | Hamare High school ke Shikshak

मैंने हाईस्कूल सीताराम सिंह इंटर कॉलेज बाबूगंज बाजार से किया। सीताराम सिंह जी आटा गांव के ठाकुर परिवार के थे। पहले विद्यालय का नाम महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज था जो कि उनकी मृत्यु के पश्चात बदलकर उनके नाम पर कर दिया गया । वे आजीवन प्रधानाचार्य रहे । लेकिन जब मैं पढ़ रहा था तो…

अच्छे शिक्षक

हमारे प्राइमरी स्कूल के शिक्षक : संस्मरण

प्राथमिक शिक्षण किसी भी व्यक्ति को जीवन निर्माण की नींव तैयार करता है। नींव जितनी कमजोर होगी तो भवन का निर्माण कैसे मजबूती से हो सकेगा? भारत सरकार उच्च शिक्षा पर तो अत्यधिक जोर दे रही है परंतु प्राथमिक कक्षाओं के शिक्षण का स्तर इतना घटिया दर्जे का है कि उसे भुक्तभोगी ही समझ सकता…

कागा की कविताएं

अपनों से जुदाई | Apno se Judai

भाग-1 मोर मेह वन कुंजर आम रस सूआं जन्म भूमि कुवचन बिसरे मूंआं मेरा जन्म एक जनवरी 1946 को आज़ादी से एक वर्ष पूर्व बरस़ग़ीर भारत में हुआ मेरे पिता स्व,श्री रामचंद्र कागा के घर माता श्री,स्व, श्रीमति सांझी देवी कागा की कोख से गांव भाडासिंधा तह़स़ील छाछरो ज़िला थरपारकर सिंध में हुआ मेरा बच्चपन…

अप्रैल फूल बनाना पड़ा महंगा

“अप्रैल फूल” बनाना पड़ा महंगा

मजाक की अपनी एक सीमा होती है। कुछ पल के लिए उसे बर्दाश्त किया जा सकता है जब तक की किसी को शारीरिक/मानसिक या आर्थिक हानि ना पहुँचे। यादों के झरोखों से एक किस्सा  साझा कर रहा हूँ। यह उन दिनों की बात है जब हम स्कूल में सिक्स्थ स्टैंडर्ड में पढ़ते थे। इत्तेफाक से…

खेवनहार | Sansmaran Khevan Haar

खेवनहार | Sansmaran Khevan Haar

आज मैं एक विद्यालय में गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य जी सिगरेट के कस ले रहे थे। तब से दूसरे अध्यापक भी बीड़ी का बंडल निकाल कर बांटने लगते हैं। और फिर शुरू हो जाता है जाम का दौर। ऐसा लगता है कि भठ्ठे की चिमनी विद्यालय में लग गई हो। धुआं से पूरा प्रधानाचार्य कक्ष…

डा० रविन्द्र गासो के साथ कुछ लम्हे

डा० रविन्द्र गासो के साथ कुछ लम्हे

मैं गासो जी से जनवरी में हरियाणा सृजन उत्सव के दौरान पहली बार मिला था। वो सब के साथ मिलनसार और दूसरे को आपको दिल में बैठाने वाले व्यक्ति थे। मैं यह कहकर शुरुआत करना चाहता हूँ कि आपकी हानि का के लिए मुझे बहुत खेद है। आप इस संसार मैं होते तो शायद आज…