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परवरिश | Parvarish

परवरिश ( संस्मरण )   उस दिन भी सावन का ही महिना और सोमवार का दिन था । बाबूजी (ससुर जी )शिव के अनन्य भक्त । तो उस काल विषय में माँ का पत्नी होने के नाते अनुगामिनी होना निश्चित ही था । पूरा परिवार ताल वृक्ष एक तपो भूमि है़ जयपुर से अलवर जाने…

Maa ka Sansmaran

मेरी मां | Maa ka Sansmaran

संस्मरण: १ मां के जीवन के बारे में कई दिनों से लिखने का प्रयास कर रहा हूं परंतु सोचता हूं की मां के जीवन को कहां से शुरू करूं और कहां ख़त्म । क्योंकि मां तो शाश्वत है । जिसका ना आदि है ना अंत । मां की ममता तो शिशु के गर्भधारण से ही…

मेरा सबसे अच्छा मित्र | संस्मरण

मेरा सबसे अच्छा मित्र | संस्मरण

आज मै प्रस्तुत हूँ अपने एक शानदार दोस्त के साथ जिसके साथ मेरा संम्बंध लगभग उन्नीस साल पुराना है। जिसके साथ हँसी मजाक मे ही इतने वर्ष कैसे बीत गए मुझे पता ही नही चला। जो परेशानियों मे मेरे साथ मजबूती से खडा रहा और आज भी बिना मेरे पैरो को दबाए बिना सिर की…