चेतावनी गीत
चेतावनी गीत
सही चिकित्सा करनी होगी ,
बहसी और दरिन्दों की ।
शीघ्र व्यवस्था करनी होगी ,
बस, फांसी के फन्दों की ॥
अभी अधखिली कली ,
फूल बनने की थी तैयारी में ।
अपनी खुशबू से गुलशन को ,
महकाने की बारी में ।
किन्तु खिलने से पहले ही ,
बेरहमी से मसल दिया ।
बनना था उसको प्रसून ,
पर कैसे रूप में बदल दिया ।
काट के मुण्डी चौराहों पर,
टांग दो ऐसे बन्दों की ।
शीघ्र व्यवस्था करनी होगी – – – ॥ [ 1 ]
इक छोटी सी चिड़िया जिसने ,
आँखें अभी नहीं खोलीं ।
उड़ने का तैयार थी जिसने ,
पाँखे अभी नहीं खोलीं ।
किन्तु इससे पहले ही ,
बाज ने झपट्टा मार दिया ।
उस नन्ही सी चिड़िया का ,
पूरा जीवन बेकार किया ।
सबक सिखा दो तोड़ के गर्दन ,
निष्ठुर बाज परिन्दों की ।
शीघ्र व्यवस्था करनी होगी – – – ॥ [ 2 ]
बहन बेटियों पर नारी पर ,
बुरी नजर जो रखता है ।
घर की खीर जिसे ना भाये ,
छाछ पराई चखता है।
सत्ता मद में बहुत चूर या ,
कामुक और मतवाला है ।
जिसने बेटी की इज्जत को ,
तार -तार कर डाला है ।
सरे आम दो मृत्युदंड ,
नहीं बात सुनो इन बन्दों की ।
शीघ्र व्यवस्था करनी होगी – – – ॥ [3 ]
बेबस नहीं आज की नारी ,
और नही वह अबला है ।
सिंहनाद करती शेरनी ,
शक्ति स्वरूपा सबला है।
अब न जुल्म सहेगी तेरे ,
और नहीं मनमानी है ।
साक्षात देवी की प्रतिमा ,
काली और भवानी है ।
शोणित पीकर जान ही लेगी ,
पापी दुष्ट दरिन्दों की ।
शीघ्र व्यवस्था करनी होगी – – – ॥ [ 4 ]

✍️ राम अवतार शर्मा ” राम “
बाड़ी ( धौलपुर ) राजस्थान
M – 9461011471
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