Purani Pension Yojana

पुरानी पेंशन योजना

( Purani pension yojana )

 

सबसे बड़ा पर्व पैरामिलेट्री उस रोज़‌ ही मनाएगा,
पुरानी पेंशन लागू हमारी जब कर दिया जाएगा।
बहुत बड़ा मुद्दा बन गया है आज यह हमारे लिए,
सोचो समझो महामानवों अब जवानों के लिए।।

हालात हमारे कैसे भी रहें हमने झुकना न सीखा,
सर्दी-गर्मी तेज़ धूप में भी रुकना कभी न सीखा।
परंतु आज दर-दर की ठोकरे हम लोग खा रहें है,
इस वृद्धावस्था में हम-सब ये भीख माॅंग रहें है।।

सुकून ख़ुशी-भरा ज़ीने दो अब हमको भी जीवन,
बुढ़ापे का सहारा है पेंशन ना करो इसका दहन।
न बहलाओ न फुसलाओ देकर बहाना नया नया,
मुख छिपाकर रो रहें काॅंप रहा है हमारा जिया।।

ओपीएस लागू करके जलादो हमारे घर भी दीया,
सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर कर दो आज ये दया।
हम सरकारी कर्मियों का होता है यह पेंशन ताज,
हमसे इसको ना छीनों हम करते इस पर नाज़।।

करके बहाल हमे करदे निहाल केन्द्र की सरकार,
कई राज्यों में शुरु कर दिया है वहाॅं की सरकार।
यह पुरानी-पेंशन है हमारा संवैधानिक अधिकार,
निवेदन कर रहें हिन्दुस्तानी आपसे ये बार बार।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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