हिन्दी महाकुंभ जबलपुर में महिमायुक्त कवयित्री श्रीमती बसंती ‘दीपशिखा’ जी को सर्वश्रेष्ठ साहित्य व कवयित्री सम्मान
जबलपुर, मध्य प्रदेश। हिन्दी साहित्य के प्रतिष्ठित मंच “हिन्दी महाकुंभ जबलपुर” में इस वर्ष देश के विभिन्न राज्यों से आए विद्वानों, साहित्यकारों और कवियों के साथ-साथ कवयित्री, लेखिका एवं सामाजिक चिंतक श्रीमती बसंती ‘दीपशिखा’ को भी “सर्वश्रेष्ठ साहित्य और कवयित्री सम्मान” से अलंकृत किया गया।
श्रीमती बसंती दीपशिखा साहित्य, शिक्षा और सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय हैं।
आज बड़ा गौरव का विषय है.. आप नारी शक्ति की प्रतीक व मानव-समाज कल्याण हेतु अनवरत लौ, बहुमुखी प्रतिभा धनी, अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये व पुरस्कृत।
आदर्श अध्यापिका,समाजसेविका तथा प्रखर चिंतक हैं। उन्होंने ‘कहानी नारी की’, ‘माँ: ममता का अनमोल एहसास’, ‘अकेली पर अडिग’ जैसी कई चर्चित पुस्तकें लिखी हैं और उनकी आगामी पुस्तक ‘नारी का सम्मान, सभ्यता की पहचान’ विशेष चर्चा में है।

इस भव्य आयोजन में विभिन्न राज्यों से आए साहित्यकारों, कवियों और सामाजिक विचारकों को भी सम्मानित किया गया। इस दौरान महिमायुक्त कवयित्री श्रीमती बसंती ‘दीपशिखा’ को एक विशेष सम्मान चिन्ह प्रदान किया गया। उन्होंने अपने सम्मान को साहित्य जगत और नारी चेतना को समर्पित करते हुए कहा, “यह पुरस्कार केवल मेरा नहीं, बल्कि उन सभी साहित्य प्रेमियों और जागरूक महिलाओं का सम्मान है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सतत प्रयत्नशील हैं।”
उनकी इस उपलब्धि पर साहित्य प्रेमियों, शुभचिंतकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हर्ष व्यक्त किया और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं।
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