Ashk aankhon mein chhupana seekh lo

अश्क आँखों में छुपाना सीख लो | Dr. Kamini Vyas Rawal Poetry

अश्क आँखों में छुपाना सीख लो

( Ashk aankhon mein chhupana seekh lo ) 

 

प्यार पे तुम हक जताना सीख लो
रूठ जाए तो मनाना सीख लो

मेरे संग में भी ग़ज़ल इक प्यार की
बस सनम तुम गुनगुनाना सीख लो

मौत की किसको यहां पर है खबर
वक्त कुछ हंस के बिताना सीख लो

तेरे सूरों को मेरी ही प्रीत से
मेरे गीतों से मिलाना सीख लो

है बड़ा बेदर्द दुनिया का चलन
अश्क आँखों में छुपाना सीख लो

ए सनम तुम भी समझ लो ज़िंदगी
ये पहेली है बुझाना सीख लो

देखते थे ख़्वाब मेरे साथ में
वो हकीकत में सज़ाना सीख लो

खेल सांसों का घड़ी दो ही घड़ी
कामिनी तुम मुस्कुराना सीख लो

 

डॉ कामिनी व्यास रावल

(उदयपुर) राजस्थान

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