गए छोड कर वो हमें एक पल में
गए छोड कर वो हमें एक पल में

गए छोड कर वो हमें एक पल में

( Gae Chhod Kar Wo Hame Ek Pal Mein )

 

गए  छोड  कर  वो  हमें  एक  पल में।।
लुटा दिल का गुलशन बहारे-चमन में।।

 

बनाए  सभी  ख़ास  जग  में खुदा ने।
है खो जाती पहचान सारी नकल में।।

 

उसे  छोड़  दो  हाल  पे  तुम  उसी  के।
कोई सीख आती न जिसकी अकल में।।

 

नहीं  एक  जैसा  सदा  वक्त  रहता।
कहां कोई दुश्मन सदा यार जग में।।

 

करे कुछ नया जो न कहता किसी से।
सफलता  रहेगी  सदा  उसके  पग में।।

 

दफन  हो  चुके  है  कई  दर्द  दिल  के।
भला कैसे कहते सभी कुछ ग़ज़ल में।।

 

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कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)

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