Geet Tera Sath
Geet Tera Sath

तेरा साथ है

( Tera sath hai )

 

मौसम में बहारों में, सपनों चांद सितारों में।
मुश्किलों अंधियारों में, अपनों गैर हजारों में।
तेरा साथ है

आंधी और तूफानों में, मधुबन और वीरानों में।
गीत गजल गानों में, प्यार भरे अफसानों में।
प्रीत भरे तरानों में, दिल के हसीं अरमानों में।
हानि और नुकसानों में, गढ़ते कीर्तिमानों में।
तेरा साथ है

जिंदगी की जंग में, मौसम के हर रंग में।
दो दिलों के संग में, खुशियों के हर ढंग में।
रिश्तों के बाजार में, गुलशन बहार में।
पर्व और त्योहार में, महकती बयार में।
तेरा साथ है

हौसलों उड़ानों में, अधरो की मुस्कानों में।
खेत खलिहानों में, संगीत की सुर तानों में।
राहों में निगाहों में, प्रियतम की बाहों में।
पीर पराई आहों में, दर्द की पनाहों में।
तेरा साथ है

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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