मौसम गुलाबी कहाँ है
( Mausam gulabi kahan hai )
मुहब्बत ऐ मौसम गुलाबी कहाँ है!
मेरे पास उसकी निशानी कहाँ है
उसी का यहाँ नाम बदनाम यूं ही
वही दोस्त देखो शराबी कहाँ है
क्यों परदेश जाकर मुझे भूल बैठे
कि चिट्टी वो आयी तुम्हारी कहाँ है
सहे ख़ूब ग़म दर्द बचपन में मैंनें
कहूँ सच सुनी यार लोरी कहाँ है
जहां प्यार हो सिर्फ़ नफ़रत नहीं हो
बताओ गली यार ऐसी कहाँ है
यहाँ तो फ़रेबी सियासत है देखो
यहाँ सच मगर वो चुनावी कहाँ है
मुहब्बत कि होगी यहाँ जीत आज़म
हसद से अभी हार मानी कहाँ है
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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