है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन

है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन

है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन

 

 

है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन!

साथ में दोनों चलेगे एक दिन

 

छोड़कर जिद वो नज़ाकत की मगर

बात दिल की वो सुनेगे एक दिन

 

मंजिलें तेरी मिलेगी प्यार की

फूलों से रस्ते सजेगे एक दिन

 

तोड़कर के फ़ासिलों की ही हदें

प्यार से दोनों रहेगे एक दिन

 

आज जो तुझको रुलाते प्यार में

आहें वो भी तो भरेगे एक दिन

 

दें गये आंसू वफ़ा में जो तुझे

उसके भी आंसू बहेगे एक दिन

 

आज जो तुझको दिखाते है नफ़रत

प्यार आज़म वो करेगे एक दिन

 

 

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शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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ढा रहे अपने सितम ये

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