पुस्तक “हिन्दी के शिरोमणि” में उदय की रचना का हुआ प्रकाशन
“हिन्दी के शिरोमणि” एक साहित्यिक धरोहर, पुस्तक का सफलतापूर्वक प्रकाशन हो गया है जिसमें सैनिक कवि- गणपत लाल उदय की रचना भी प्रकाशित है।
इस पुस्तक में देश के हिन्दी साहित्य क्षेत्र के जाने-माने प्रतिष्ठित लेखकों एवं उनके द्वारा साहित्य के क्षेत्र में दिए गए योगदान का एक विशलेषण शामिल किया गया है।
यह पुस्तक भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है जिसका प्रकाशन ब्राइट एम. पी. पब्लिशर 1081 ए, चाचा चौक, नियर एन. आई. टी. फरीदाबाद, हरियाणा 121005, मुद्रण एस. आर. एन. पी. प्रिंटर्स, 1070 ए, राजीव नगर, गुडगाॅंव हरियाणा 122001 से हुआ है।
इस पुस्तक की संकलनकर्ता एवं संपादिका सुमंगला सुमन जी है। जिन्होंने देश-भर के 50 चुनिंदा साहित्यकारों से रचनाएं एकत्रित करके एक बेहतरीन पुस्तक का प्रकाशन करवाया है जो निश्चित तौर पर बेहद सराहनीय कदम है आप एक अध्यापिका के साथ-साथ जानी-मानी कवियित्री भी है यह पुस्तक जून 2023 में प्रकाशित हुई है जिसका आई एस बी एन 978-81-963022-2-1 है।
इस पुस्तक में सभी रचनाकारों की एक-एक रचना प्रकाशित है जिसमें पी यादव “ओज” विजय मेहंदी (कवि हृदय शिक्षक) आशुतोष तिवारी, हरिदास बडोदे “हरिप्रम” मोनिका चक्रवर्ती “प्रजापति” रतिराम गढेवाल, देवेन्द्र कुमार, पारुल राज, राधा तिवारी “राधेगोपाल” मंजु रानी वशिष्ट, डाॅ तपस्या चौहान, डाॅ अनिता मिश्र “अंश” सुरेश लाल श्रीवास्तव, डाॅ अशोक, श्रीमंती संध्या श्रीवास्तव, ओम प्रकाश द्रिवेदी, रुबी दास “अरु” दिलीप कुमार शर्मा “दीप” छाया दोन्दलकर हिन्दी अध्यापिका, अर्चना सिंह, आशा जाकड़ “आस” विपुल माथुर “नमन” नेहा दुबे, डाॅ आमलपूरे सुर्यकांत विश्वनाथ, रश्मि ममगाई, नन्दलाल मणि त्रिपाठी, सुशीला राजपूत, डाॅ अरुण कुमार यदु, डाॅ खालिदा जान, सुमंगला सुमन, अर्पणा ‘”गौरी” श्रीमती संध्या श्रीवास्तव, शिव “अलग” नेनपुर, मो. जिमी, साधना त्रिपाठी “इन्दुप्रिया” गणपत लाल उदय (सैनिक कवि) मनोरमा शर्मा “मनु” विजयलक्ष्मी विभा, सुधाकर कांत चक्रवर्ती, प्रमय श्रीवास्तव “अश्क” अशोक शर्मा “गौतम” वीरे सागर महासर, जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी, डाॅ चोवाराम यदु, डाॅ शिवकुमार मिश्र अलग, वृन्दा प्रजापति कवयित्री, रजिया सुलताना, गयाराम ध्रुव, मनोज कुमार सिंह, सौरभ चक्रवर्ती आदि है।
इस पुस्तक का एक-एक प्रति व मेडल सभी रचनाकारों को स्थानीय पते पर डाक द्वारा भेजा जाएगा। संपादिका महोदया ने सभी साहित्यकारों का आभार व्यक्त करते हुए बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित किया है। यह पुस्तक अमेज़न पर भी उपलब्ध है।
जय हिन्द जय हिन्दी जय हिन्दुस्तान
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