हमरंग पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित होने वाली तीन पुस्तकों में प्रकाशित हो रही है उदय की कविताएं जिनका नाम होली के रंग, बोलता बचपन एवं मुसाफ़िर है आप सबको बता दे कि हमरंग पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित स्याही की आवाज़ साझा काव्य संग्रह में उदय की (पहली बार) पेपर बैंक पुस्तक में रचनाएं प्रकाशित हुई थी जो कि यज्ञेश्वर वत्स जी के संपादन में थी इस पुस्तक के बाद उदय की रचनाएं लगातार पुस्तकों में प्रकाशित होती रही।

आज साहित्य के क्षेत्र में अपनी ख़ास पहचान बना चुके सैनिक कवि गणपत लाल उदय अजमेर राजस्थान के कस्बे अरांई के रहने वाले है जिनकी रचनाएं आज कई सारी पुस्तकों में प्रकाशित हो
चुकी है आप राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अनेंक साहित्यिक मंचो से जुड़े हुए है जिन पर समय-समय पर अपनी रचनाएं साझा करते-रहते है इसी के साथ सोशल मीडिया, व्हाट्सअप स्टेटट, फेसबुक रील, इंस्टाग्राम, ट्विटर, योवर क्यूट नोजोटो, कू और यू ट्यूब पर भी अपनी रचनाएं भेजते रहते है आप
लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना चुके है।
उदय सभी विधाओं की रचनाएं लिखते है ‌जो
अलग-अलग जगहो से समाचार पत्रों व ई-पत्रिकाओं
में प्रकाशित ‌होती रहती है। उदय को राजकीय सेवा
से जब भी समय मिलता है तो वह लाईव काव्य पाठ एवं साहित्य गतिविधियों, प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लेते रहते है।
साहित्यिक पटल एवं मंचो द्वारा आप अब तक ४०० से भी ज्यादा साहित्य सम्मान, अनेंक ट्रोफिया, सील्ड, मेडल्स और नगद पुरस्कार प्राप्त कर चुके है आप अब-तक लगभग ४०० से ज्यादा साझा काव्य संग्रह (पेपर बैंक) एवम दो सौ से ज्यादा मासिक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित करवा चुके है।
इनके द्वारा रचित सैनिक की कलम से, सेवा भक्ति के प्रतीक और देश भक्त है हम भारत के, पुस्तकें प्रकाशित है जो अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है इसके साथ-साथ सीमा के प्रहरी (काव्य साझा संग्रह) और माॅं मेरा उद्धार करो (नवरात्रि विशेषांक पत्रिका) भी इनके संपादन में प्रकाशित है।

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