डॉ. आलोक रंजन कुमार

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. आलोक रंजन कुमार से साक्षात्कार

आधुनिक हिंदी साहित्य के धरातल पर झारखंड की भूमि पर डॉ. आलोक रंजन कुमार का स्थान अप्रतिम है। आपने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा राज्यस्तरीय अनेक सेमिनार तथा वेबिनारों में सहभागिता अपनाई है और हिंदी की सेवा की है।

साथ ही आपने अपने शोध प्रबंध — ‘पलामू कमिश्नरी की बोलियों का भाषा वैज्ञानिक अध्ययन’ तथा लघु शोध — ‘संथाली का भाषा वैज्ञानिक अध्ययन’ एवं अनेक साझा काव्य संकलन एवं विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में अपने आलेख के माध्यम से हिंदी की सेवा की है।

वर्तमान समय में आप हिंदी विभागाध्यक्ष, ए.के. सिंह कॉलेज जपला में कार्यरत हैं और अपने विद्यार्थियों को हिंदी की शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ विभिन्न विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेकर हिंदी के प्रचार प्रसार में अपनी महत्ती भूमिका अदा कर रहे हैं।

‘The Sahitya’ को साक्षात्कार देने के लिए अपनी सहमति देकर हमारे ‘The Sahitya’ को गौरवान्वित किया है ।
डॉ.आलोक रंजन कुमार का ‘The Sahitya’ से हुई साक्षात्कार वार्ता के कुछ अंश यहां प्रस्तुत हैं :

‘The Sahitya’ : डॉ. आलोक रंजन कुमार ‘The Sahitya’ में आपका बहुत-बहुत स्वागत है !
डॉ.आलोक रंजन : आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !

‘The Sahitya’ : आप अपने व्यक्तिगत जीवन से संबंधित संक्षिप्त परिचय देने की कृपा करें !
आलोक रंजन : जी, धन्यवाद ! मेरा नाम डॉ.आलोक रंजन कुमार है, मेरे पिताजी का नाम स्व० राजा राम तथा माताजी का नाम स्व० मानमती देवी है।
मेरी जन्म तिथि : 23-02-1972 तथा जन्म स्थान – जपला, जिला- पलामू, राज्य – झारखंड है।
‘The Sahitya’ : महाशय, आप अपनी शिक्षा-दीक्षा के बारे में संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
आलोक रंजन : मेरी आरंभिक शिक्षा कक्षा 8 तक राजकीय मध्य विद्यालय हुसैनाबाद में हुई इसके बाद मैट्रिक तक की शिक्षा बक्शी उच्च विद्यालय हुसैनाबाद में हुई तथा शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज से मैंने इंटर कला संकाय से किया तत्पश्चात मैंने स्नातक की शिक्षा गणेश लाल अग्रवाल कॉलेज, मेदिनीनगर से प्राप्त की। इसके बाद एम. ए. हिन्दी की शिक्षा अनुग्रह नारायण महाविद्यालय, पटना से प्राप्त की और प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुआ। तत्पश्चात् संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से स्नातकोत्तर भाषा विज्ञान प्रशिक्षण की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की । इसके बाद आगे की शिक्षा के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी गया और वहां से रसियन भाषा में स्नातक डिप्लोमा, तथा हिन्दी विभाग से भाषा-वैज्ञानिक शोध कर पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की।
‘The Sahitya’ : आपने अपने जीवन काल में बहुत कुछ प्राप्त किया है। हिंदी की काफी सेवा की है, साथ ही अपने विभिन्न साहित्यिक एवं सामाजिक संगठनों में भी अपना योगदान किया है। खेल के प्रति भी आपकी काफी रुचि रही है अतः अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर कृपया संक्षिप्त प्रकाश डालने की कृपा करें ! जिससे कि हमारे नौजवान छात्र-छात्राएं प्रेरणा ले सकें।
आलोक रंजन : मैंने अपने जीवन-काल में कई संस्थाओं के माध्यम से समाज को नई दिशा देने का प्रयास किया है और वर्तमान समय तक का संक्षिप्त अवलोकन करा रहा हूं —
1. विभागाध्यक्ष – हिन्दी विभाग, ए. के. सिंह कॉलेज, पोस्ट – जपला, जिला – पलामू, राज्य – झारखंड।
2. प्रदेश संगठन सचिव सह प्रवक्ता , झारखंड राज्य बारी संघ।
3. प्रमुख सलाहकार – राष्ट्रीय योद्धा बारी कल्याण महासमिति, भारत।
4. राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सह प्रदेश संगठन सचिव – भारतीय अश्वमेघ पार्टी (रजि.राजनीतिक पार्टी),भारत।
5. प्रदेश कार्यसमिति सदस्य – अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, झारखंड।
6. प्रदेश संयोजक – राष्ट्रवादी लेखक संघ, झारखंड।
7. प्रदेश संयोजक – विश्ववाणी हिन्दी संस्थान अभियान, झारखंड।
8. प्रदेश संयोजक – अथाई आशा इंटरनेशनल चैप्टर रचनाकार साहित्य समूह, झारखंड।
9. राज्य प्रमुख – मानवाधिकार मिशन, झारखंड।
10. संरक्षक – नवयुग चेतना विकास मंच तथा टाइगर्स-XI क्रिकेट क्लब हुसैनाबाद, पलामू।
11. पूर्व सचिव तथा वर्तमान मीडिया प्रभारी- राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, नी. पी. विश्वविद्यालय पलामू।
12. संगठन सचिव – संबद्ध महाविद्यालय महासंघ इकाई, नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय, मेदिनीनगर, पलामू।
‘The Sahitya’ : बहुत-बहुत धन्यवाद! आपने तो सचमुच इस जीवन में बहुत सारे कार्य भार संभालने जैसा कार्य कर रहे हैं। अब मुझे अपनी कृतियों के संबंध में संक्षिप्त जानकारी देने की कृपा करें
आलोक रंजन : मेरी प्रकाशित कृतियां हैं – १.पलामू कमिश्नरी की बोलियों का भाषा वैज्ञानिक अध्ययन”
(पी-एच.डी. की अनुसंधान पुस्तक),
२. “मेरी भी कविता” (साझा संग्रह) भाग-3,
३. “अनुभूतियों का अहसास” (साझा काव्य संकलन),
४. “प्रकृति का सुलगता आवरण”(काव्य संकलन),
५. “पल पल बदलता जीवन” (काव्य संकलन),
६. “मां” (काव्य संकलन),
७. “अथाई के स्वर” (साझा काव्य संकलन)
८. “नाव कागज़ की, आंसुओं का दरिया” (साझा काव्य संकलन)
९. धर्म गीता (साझा काव्य संकलन)
१०. नारी शक्ति को नमन (साझा काव्य संकलन)
११. बसन्तोत्सव (साझा काव्य संकलन)
१२. मां – ईश्वर का सबसे बड़ा वरदान (साझा काव्य संकलन)
१३. अमृतांजलि (साझा काव्य संकलन)
१४. आलेख- “नौकरशाही बनाम लोकशाही : एक मानवीय विवेचन”, पंचायती राज इंस्टीट्यूशंस एंड पॉवर्टी एलेविएशन इन इंडिया राष्ट्रीय संगोष्ठी 2015 ,
१५. आलेख- “वैदिक कालीन और आधुनिक शिक्षा प्रणाली”, क्वालिटी एश्योरेंस इन हायर एजुकेशन : चेंज एंड अपॉर्चुनिटीज, राष्ट्रीय संगोष्ठी- 2016,
१६. आलेख- “झारखंड के पलामू प्रमंडल के हिंदी साहित्य और साहित्यकार”, झारखंड का हिंदी साहित्य, राष्ट्रीय संगोष्ठी – 2018,
१७. आलेख- “राजकीय विद्यालयों एवं निजी विद्यालयों का तुलनात्मक अध्ययन, निजी एवं राजकीय शिक्षा”, राष्ट्रीय संगोष्ठी- 2019,
१८. आलेख- “महावीर प्रसाद द्विवेदी की आलोचनात्मक दृष्टि”, महावीर प्रसाद द्विवेदी होने का अर्थ, राष्ट्रीय संगोष्ठी- 2019,
१९. विषय-“शोध प्रविधि व प्रक्रिया” , राष्ट्रीय कार्यशाला- 2020,
२०. आलेख- “पैंडेमिक क्लाइमेट चेंज एडेप्टेशन एंड डीआरआर इन कोस्टल जोंस, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया”, राष्ट्रीय संगोष्ठी- 2020,
२१.विषय-“आईपीआर : बेसिक नॉलेज अवार्नेस एंड लीगल प्रोटेक्शन ऑफ डिजिटल कंटेंट”, राष्ट्रीय संगोष्ठी- 2021,
२२.विषय-” हलधर नाग के काव्य के परिप्रेक्ष्य में लोक साहित्य पर विमर्श”, राष्ट्रीय संगोष्ठी- 2021, पांडिचेरी विश्वविद्यालय,
२३. विषय-“माटी और मानुष के गद्यकार रेणु” , दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी- 2021,
२४. विषय-“बाल मजदूरी : कारण एवं निवारण”, राष्ट्रीय संगोष्ठी- 2021, हरियाणा स्टेट चाइल्ड वेलफेयर काउंसिल चंडीगढ़,
२५. विषय-“हिंदी ओ.सी.आर., कंप्यूटर साधित अनुवाद और मेल मर्ज”, राष्ट्रीय संगोष्ठी- 2021,
२६.विषय-“समकालीन : स्त्री, दलित, आदिवासी एवं किन्नर विमर्श”, अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी- 2021,
२७. विषय-“इंडिया इन ट्वेंटीवन सेंचुरी : आइडिया एंड पर्सपेक्टिव्स”,अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी- 2021,
२८. विषय- “वैश्विक परिदृश्य में भारतीय भाषाएं, संस्कृति और साहित्य की पारस्परिकता”, अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी- 2021,
२९. आलेख- “वैश्विक हिंदी की चुनौतियां एवं उनके भाषा वैज्ञानिक समाधान”, दूर शिक्षा निदेशालय, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, विश्व हिंदी सचिवालय, मारीशस, भारतीय उच्चायोग, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन एवं सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय इ.-पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी- 2021,
३०. आलेख- “नरेंद्र कोहली : स्मृतियों के आईने में”, विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस, न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन एवं सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतर्राष्ट्रीय ई.- पत्रिका के संयुक्त तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी- 2021.
तथा अनेक सेमिनार एवं वेबीनार में सम्मिलित स्मारिकाओं में प्रकाशित अन्यान्य शोध आलेख।
‘The Sahitya’ : महाशय, आपने बहुत सारे सम्मान और पुरस्कार प्राप्त किए हैं, उसके संबंध में भी जानकारी देने की कृपा करें !
आलोक रंजन : वैसे तो मुझे अनेक सम्मान व पुरस्कार प्राप्त हुए हैं लेकिन उनमें से कुछj प्रमुख सम्मान और पुरस्कार के बारे में जानकारी देना चाहूंगा –
१. सारस्वत सम्मान – 2019, अखिल भारतीय हिंदी साहित्य समागम, झारखंड,
२. राष्ट्र गौरव साहित्य सम्मान – 2020, उदय कमल साहित्य संगम, बिहार,
३. श्रेष्ठ व्यंग्यकार – 2020, साहित्य संगम संस्थान, दिल्ली,
४. साहित्य शिरोमणि सम्मान – 2021, उदय कमल साहित्य संगम,
५. काव्य गौरव सम्मान – 2021,साहित्य आजकल,
६. ओम प्रकाश यादव स्मृति सम्मान – 2021, अखिल भारतीय सृजन सरिता परिषद् , हिमाचल प्रदेश,
७. साहित्य सृजन सम्मान – 2021, अखिल भारतीय सृजन सरिता परिषद् , हि.प्र.,
८. राष्ट्रीय गणतंत्र हिंदी काव्य सम्मान – 2021, अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद्
९. हिंदी साहित्य रत्न – 2021, राष्ट्रीय हिंदी साहित्य अंचल मंच, बिहार,
१०. कलम की धार – 2021, काव्य सृजन साहित्य परिवार,
११. वसुंधरा सेवा रत्न – 2022, बी.एम.पी. पब्लिशर,
१२. मां भारती साहित्य सेवा रत्न – 2022, बी.एम.पी. पब्लिशर,
१३. काव्यश्री ज्ञान-विज्ञान सम्मान – 2023, काव्य हिंदुस्तान अंतर्राष्ट्रीय साहित्य समूह
१४. शिक्षक रत्न सम्मान-2023,
१५. शिक्षक गौरव सम्मान -2023
१६. अदम्य वीरता सम्मान- 2023,
१७.चन्द्रयान – 3 काव्य सम्मान-2023,
१८.साहित्य कलम द्वारा – श्रेष्ठ कवि सम्मान -2024,
१९.दिव्यज्योति साहित्यिक संस्थान छत्तीसगढ़ द्वारा – राष्ट्रीय काव्य शिरोमणि सम्मान -2024,
२०.दिव्यज्योति साहित्यिक संस्थान छत्तीसगढ़ द्वारा – मातृ स्नेही कलमकार सम्मान -2024
तथा अनेक अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा विश्वविद्यालय स्तरीय पुरस्कार सम्मान एवं प्रशस्ति पत्र प्राप्त हुआ है।
‘The Sahitya’ : वास्तव में शिक्षा के क्षेत्र में आप काफी योगदान दे रहे हैं, हिंदी की काफी सेवा कर रहे हैं तो मैं चाहूंगा कि पर्यावरण दिवस पर आप देश के नौजवानों को कुछ संदेश अवश्य दें!
आलोक रंजन : जी, अवश्य! मैं देश के नौजवानों से यही कहना चाहूंगा कि आप जिस कार्य में अपना योगदान दे रहे हैं , उसे ईमानदारी पूर्वक निभाएं ! चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में हो या अनुसंधान के क्षेत्र में या फिर अपने जीवन यापन के लिए जो कुछ भी कर रहे हैं ईमानदारी आवश्यक है। हमारी पृथ्वी सभी ग्रहों में श्रेष्ठ है क्योंकि यहां जीवन है और प्रत्येक जीवों के लिए हर सुविधा है, इसकी प्रकृति की जो भी देने हैं, उसका सदुपयोग और संरक्षण आवश्यक है। ऑक्सीजन और जल हमारे जीवन के लिए सर्वोपरि है इसकी स्वच्छता, संचयन और सदुपयोग की आवश्यकता है। इसके लिए हर संभव उपाय करना आवश्यक है, जिसमें पेड़ पौधों की सुरक्षा और नये पौधों का सतत् रोपण आवश्यक है। धन्यवाद !

‘The Sahitya’ : आपको इतने बहुमूल्य समय देने के लिए आपका हार्दिक आभार ! हार्दिक धन्यवाद ! अंत में अपने चाहने वालों तथा आपसे मिलने की आकांक्षा रखने वालों के लिए आप अपना स्थायी पता तथा संपर्क सूत्र बताने की कृपा करें।

आलोक रंजन: मेरा पत्राचार और सम्पर्क सूत्र है -आवास – ‘राजभवन’, मुहल्ला – लम्बी गली, पोस्ट – जपला, जिला – पलामू , राज्य – झारखंड, पिन कोड – 822116.
दूरभाष – 9304468501, 9304303146.
ई मेल – drark23021972@gmail.com
‘The Sahitya’ : एकबार पुनः आपको धन्यवाद !
आलोक रंजन : जी , बहुत बहुत धन्यवाद!

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