
इश्क में तेरे
( Ishq Mein Tere )
हम क्या थे क्या हुये इश्क में तेरे
दिल्लगी हुई दिल की लगी इश्क में तेरे
लफ्ज जो तू बोले, अल्फाज़ बने मेरे
हम हुये सुखनवर इश्क में तेरे
मैं जो भी लिखूँ नाम करूँ तेरे
कागज़ कलम ने दिया साथ इश्क में तेरे
हदें मुकर्रर की थी जो दिल ने मेरे
गुज़र गये सब हम खुद ही इश्क में तेरे
अज़ियत,मायूसी, बेकरारी मिली राह में बहुतेरे
हँस कर नाम लिया हर इल्ज़ाम इश्क में तेरे
हर कोई कायल था गरूर का, अना के मेरे
हम मायल हो फ़ना हुये इश्क में तेरे….
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )
यह भी पढ़ें :-