जीवन में जब भी चैन मिले
जीवन में जब भी चैन मिले

जीवन में जब भी चैन मिले

( Jeevan mein jab bhi chain mile )

 

 

जीवन में जब भी चैन मिले।

हर बार छलकते नैन मिले।।

 

आराम मिटाने जीवन का।

हरदम ही वो बेचैन मिले।।

 

टूट चुका है नाजुक दिल ये।

जुल्मो-सितम दिन-रैन मिले।।

 

पत्थर दिल को छलनी कर दे।

नित ऐसे तीखे बैन मिले।।

 

“कुमार’मिला न जहां में ईंशां।

बस हिन्दू मुस्लिम जैन मिले।।

 

 

कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)

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