जुदाई के ज़ख्म | Judai ke Zakhm
सन् 1971 की हिंद पाक लड़ाई के दौरान बेघर होकर आये पाक विस्थापित लोगों में एक मात्र मैं एक शख़्स़ हूं जो छठ्ठी बार परिवार के लोग सातवीं बार जन्म भूमि की यात्रा कर चुके है प्रथम बार क्रमश: 1980 1999 2ं005 2006 2015 2018 एंव 2024 में वैधानिक रुप से पासपोर्ट वीज़ा से होकर आये है!
मेरा मेघवाल जाति से वास्ता होने से तब ओर अब सामाजिक आर्थिक धार्मिक राजनैतिक पारिवारिक ताना-बाना बहुत ही निक्ट सुक्षम दृष्टि से देखने का मौक़ा मिला बंटवारे से पूर्व भी समाज में शिक्षा के प्रति रुझान संतोषजनक था ।
उस समय अध्यापक पोलिस राजस्व चिकित्सा आदि विभागों में सरकारी कर्मचारी थे तथा ज़िला स्तरीय खधिकारी कार्यरत्त थे 1971के बाद का संक्रणमिक काल वरदान स़ाबित हुआ अधिकांश डाक्टर इंजीनियरिंग प्रशासनिक फोर्स में अधिकारी बने है जो बिना किसी आरक्षण अपनी क़ाबलियत की दम पर आगे आये है जिसकी तादाद बहुत है ।
मज़दूर किसान कामगार पशुपालक भी काफ़ी ख़ुशह़ाल नज़र आये लेकिन विकास के नज़रीये से ग्रमीण कच्चा पक्का झुग्गी झौंपड़ी के मकान हैं शिक्षा पेयजल चिकित्या स्वास्थ्य विधुत सड़क आवागमन में बेह़द कमज़ोर है।
माली ह़ालत पुरसुकून नहीं सरकरी नोकर आसूदा है पानी के लिये भटकना पड़ रहा है सरकार ने क़दम उठाये है नाकाफ़ी है सुधार की ज़रूरत है खान पान ख़ोराक वेष भूषा रस्मो रिवाज बदला सा लगा मिठ्ठी शहर उमरकोट शहर चेलहार भोरीलो भाडासिंधा रड़ियाला सलामकोट नगरपारकर में मेघवाल समगज का बाहूल्य है।
धार्मिक उत्पीडन यदा-कदा होता है राजनीति के क्षेत्र में अनुसूचित जगति जनजाति के लिये अलग कोई प्रावधान नहीं है लेकिन अक़लियत के लिये कुछ स़ूबाई मरकज़ी लेवल पर निश्स्तें है जो राजनैतिक दल वहां के दस्तूर फ़ार्मूले के मुत़ाबिक तक़सीम होती है।
जिसमें हिंदू पारसी क्रश्चियन सिख शामिल है, चेयरमन तह़स़ील ज़िला नाज़िम का चुनाव होता है जिसमें हि़स़ेदारी होती है डा,खट्टू मल जीवन वासुदेव प्रमुख है इजनियर ज्ञानचंद मेघवाल पाक पीपुल्ज़ पार्टी का ज़िला थरपारकर सादर है ।
ज़िला स्तर पर आला अफ़सर जज प्रशासनिक अधिकारी मेघवाल है हिंदू नेताओं में श्री महेश मलानी रहताश्री हमीरसिंह सोढ़ा श्रीमति लाल माली का नाम नुमायां है हिंदू धर्म में मेघवाल भील कोली जाति की अकस़रियत है फ़ोज में भी नाम है।
कवि साहित्यकार: डा. तरूण राय कागा
पूर्व विधायक