स्व. कन्हैयालाल सहल की पुण्यतिथि पर कवि, लेखक व साहित्यकार, षिक्षक श्री सुधाकर श्रीवास्तव का कन्हैयालाल सहल पुरस्कार से सम्मान । 

अलायंस क्लब नवलगढ़ चेतना साहित्यिक संस्था राष्ट्रीय संस्था शब्दाक्षर के संयुक्त तत्वावधान में जांगिड अस्पताल परिसर में राजस्थान प्रसिद्ध साहित्यकार स्व कन्हैयालाल सहल नवलगढ़ निवासी की पुण्यतिथि पर उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ दयाषंकर जांगिड ने की। मुख्य अतिथि सी.एल सैनी, मुख्य वक्ता डाॅ कैलाष शर्मा गोविंद व्याख्याता हिंदी एस.एन महिला महाविद्यालय, विषिष्ट अतिथि इंजीनियर भंवरलाल जांगिड, जगदीष जांगिड, रामकुमार सिंह राठौड, प्रांतपाल अब्दुल जब्बार खोखर थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ स्व. कन्हैयालाल जी की फोटो पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण कर पुष्पांजलि दी गई। मुख्य वक्ता ने उनके जीवन पर प्रकाष डाला।

डाॅ दयाषंकर जांगिड ने अपने उदबोधन में कहा कि सहल परिवार षिक्षा में राजस्थान मे अग्रणी रहा है डाॅ कन्हैयालाल सहल राजस्थान के नामी साहित्यकार राजस्थानी भाषा के लेखक रहे है। आप के तीन भाई काॅलेजों में प्राचार्य रहे है। षिक्षा व साहित्य में आपका परिवार राजस्थान में अपनी सौरभ महकाई है।

इस अवसर पर डाॅ कन्हैयालाल सहल प्रथम पुरस्कार कवि, लेखक व साहित्यकार, षिक्षक श्री सुधाकर श्रीवास्तव को माला शाॅल प्रतीक चिन्ह सर्टीफिकेट व अलायंस पिन प्रेरणा स्रोत साहित्य भंेट कर सम्मान किया गया।

कवि सुधाकर श्रीवास्तव ने अपने उदबोधन मे कहा कि नवलगढ़ मंे कई कवि व साहित्यकारों हुये है जिनसे मिलकर बहुत कुछ सीखने को मिला है। कवि शब्द का सार्थक अर्थ समझकर कविता लिखता है तो कविता मार्मिक होती है।

साहित्य अथाह ज्ञान का भण्डार है। कार्यक्रम में श्रीकांत पारीक, सज्जन जोषी, उषा मानसिंहका, मुरली मनोहर चोबदार, संतकुमार सेानी, डाॅ राज सक्सेना पोदार काॅलेज, जगदीष जांगिड, रमाकांत सोनी ने कविताओं से श्रद्धांजलि दी।

मुख्य अतिथि सी.एल सैनी ने कहा कि क्लब के माध्यम विभिन्न प्रकार के आयाम स्थापित हो रहे है उसके लिये सभी साधुवाद के पात्र है। इंजीनियर भंवरलाल जांगिड ने उनके जीवन पर प्रकाष डालते हुये कहा कि डाॅ कन्हैयालाल सहल नवलगढ़ व कन्हैयालाल सेठिया सुजानगढ़ ने मायड़ भाषा के उत्थान के आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई। हमें गर्व है कि सहल जी जन्म नवलगढ़ में हुआ।

डाॅ अनिल शर्मा, मेजर डीपी शर्मा, सुरेन्द्र ख्यालिया, दीपचंद पंवार, रामोतार सबलानिया, सज्जन जोषी, सीताराम गुरूजी, अनिल अजाड़ीवाल, शोयब लंगा, रिद्धकरण बासोतिया, अर्जुनलाल सैनी आदि ने भाग लिया। कार्यक्रम में रोषन दुलड की सासु मां के निधन पर श्रदांजलि दी गई। धन्यवाद ज्ञापन प्रांतपाल अब्दुल जब्बार ने दिया।

कार्यक्रम का संचालन कवि रमाकांत सोनी ने किया। कार्यक्रम में सुधाकर श्रीवास्तव द्वारा रचित काव्य संग्रह त्रेमासिक पत्रिका का वितरण भी किया गया।

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