कर्मठ बनिए | Kavita Karmath Baniye

कर्मठ बनिए

( Karmath Baniye )

निरन्तर लगाव का भाव रखना ,
हद और सरहद जमीन की होती है ।।1।

भारतीय अंधेरे भी हैं मुट्ठी बांधे ,
हाथापाई की झड़प चीन की होती है ।।2।

शब्द के प्रयोग से प्रभाव शून्य होता,
सम्मान सदैव मनहर मौन की होती है।।3।

हर युद्ध का पथप्रदर्शक धर्म रहा ,
अधिकांश वाद-विवाद कौम की होती है ।।4।

किस्मत जरूर एक मौका देती सबको,
यश, प्रशंसा निरन्तर मेहनत की होती है।।5।

जीभ तो हर जुबान में है बड़ी ,
पर बेहतरीन जवाब समय की होती है ।।6।

हमेशा न्यायोचित निष्कर्ष निकालना,
स्वास्थ्य की उत्तमता परहेज की होती है ।।7।

बराती, बाजे के साथ आते हैं आप ,
कोहिनूर के आगे चर्चा दहेज की होती है ।।8।

न करो कभी अन्न का अपमान तुम,
मेहनती रक्त की बूँद किसान की होती है ।।9।

कर्मठ बनिए जीत जरूर जाएगे ,
अदालत की वकालत भगवान की होती है ।।10।

प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई

यह भी पढ़ें :-

अपनापन | Kavita Apnapan

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *