![kar gaya wo कर गया है वो बेआबरु आज फ़िर](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2020/11/kar-gaya-wo-696x435.jpg)
कर गया है वो बेआबरु आज फ़िर
कर गया है वो बेआबरु आज फ़िर!
प्यार की जब की है गुफ़्तगू आज फ़िर
देखकर मोड़ लेता था चेहरा अपना
हो गया वो चेहरा रु -ब -रु आज फ़िर
भूलकर दर्द ग़म जिंदगी के सभी
कर रहा हूँ ख़ुशी जुस्तजू आज फ़िर
कुछ पुराने लम्हों की लिखूं क्या ग़ज़ल
जागी दिल में नयी आरजू आज फ़िर
थम चुकी है हवाएं सभी प्यार की
नफ़रतों की ही महकी है बू आज फ़िर
जब किया था वादा प्यार की बातों का
कर रहा लहज़ा क्यों तल्ख़ तू आज फ़िर
भूलकर हर गिले शिकवे आज़म उसके
गुफ़्तगू हो गयी है शुरु आज फ़िर