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बहाना
( Bahana )
पूजा बिन नहाए के,
स्वीकार करो नाथ,
पानी नहीं आए है,
हम धोए पाॅव हाॅथ,
पूजा खाए पिए की,
स्वीकार करो नाथ,
लो वीपी के मरीज हम,
चकराए हमरा माथ,
पूजा कीर्तन भजन की,
स्वीकार करो नाथ,
हम अकेले रहते हैं,
कोई न हमरे साथ,
पूजा मेरे भंडारे की,
स्वीकार करो नाथ,
तन मन धन से हम फकीर,
है कुछ भी न हमरे हाॅथ,
पूजा हमरी मन ही की,
स्वीकार करो नाथ,
दिखावा नहीं करते कोई,
चलते सत्य पाथ,
पूजा मेरी सब ही की,
स्वीकार करो नाथ,
समझ इसे बहाना कभी,
छोंड़ना ना साथ।
आभा गुप्ता
इंदौर (म. प्र.)