Kavita in Hindi on desh bhakti
Kavita in Hindi on desh bhakti

हमको नशा है

( Humko nasha hai ) 

 

 

हमको नशा है अपने वतन के ध्वज का,

भारत के प्यारे अपने इस संविधान का।

राष्ट्रीय-गीत और हमारे राष्ट्रीय-गान का,

हिन्द का गौरव इस हिंदी राजभाषा का।।

 

राष्ट्रीय पक्षी मोर व राष्ट्रीय पशु बाघ का,

खेल में हाकी व राष्ट्रीय मुद्रा रुपया का।

चिन्ह अशोक स्तम्भ एवं भारत रत्न का,

फल में आम व कमल के इस फूल का।।

 

राष्ट्रीय लिपि देवनागरी व गंगा-नदी का,

राष्ट्रीय शपत एवं इस गाॅंधी जयंती का।

स्वतंत्रता-दिवस एवं गणतंत्र-दिवस का,

साका कलैंडर वट वृक्ष/बरगद पेड़ का।।

 

हमको नशा है सभी राष्ट्रीय प्रतीकों का,

जलचर डाॅलफिन व हिंद की सेना का।

राष्ट्र के पिता बापू महात्मागाॅंधी जी का,

हमारी मातृभूमि और भारतीयता का।।

 

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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