मोबाईल की महिमा | Kavita Mobile ki Mahima
मोबाईल की महिमा
( Mobile ki Mahima )
कितना प्यारा है
कितना न्यारा है
सबके आंखों का
तारा है तू!
क्या बच्चे
क्या व्यस्क
क्या बालायें
क्या बूढे
उंगलियां उनके
नीचे सदा
दिन-रात
घनघनाती
बच्चे गेम्स में
व्यस्क चैट कर
वूढें यूट्यूब पर
झूमते-गाते रहते!
वनिता ओं के कहने
शरमों-हया को
धता बता कर
अर्ध-नग्न नुमाइश करती!
प्रियंका-कंगना की
चाहत में वे
इनसटाग्राम में रेमपो
चाल में रमाती।
शेखर कुमार श्रीवास्तव
दरभंगा( बिहार)
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