श्वेत वर्ण | Kavita Shwet Varn
श्वेत वर्ण
( Shwet varn )
पावन वर्ण श्वेत को मानो प्रतीक शांति का सारा।
सादगी सुचिता सौम्यता वर्ण बहती प्रेम की धारा।
धवल वस्त्र धारणी वीणावादिनी कमलासिनी।
शब्दों का भंडार देती मां वागेश्वरी वरदायिनी।
निर्मल मन विचार उच्च उज्जवल हो मनोभाव।
शांत स्वभाव धैर्य धर सब श्वेत वर्ण का प्रभाव।
त्रिदेवों में देव प्रधान ब्रह्मा श्वेत पुष्प है प्यारा।
निर्मल कलकल करती है पावन गंगा की धारा।
ब्रह्मचारिणी महागौरी अंबे धवल वस्त्र धारणी।
हंसवाहिनी मां शारदे हमें बुद्धि ज्ञान प्रदायिनी।
धवल दुग्ध गौमाता का बल बुद्धि विवेक प्रदाता।
क्षीरसागर मोती बरसे यश कीर्ति वैभव नर पाता।
धवल चांदनी धरा उतरे हर लेती है संताप सभी।
शीतलता सुख देती है भाग्य के खुलते द्वार तभी।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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