मकर संक्रांति (खिचड़ी)
मकर संक्रांति (खिचड़ी)
भगवान विष्णु ने असुरों पर विजय प्राप्त किया था,
भगवान सूर्य इस दिन धनु से मकर में प्रवेश किया था।
इस दिन पवित्र नदियों में लोग स्नान कर दान करते हैं,
भागीरथी संग गंगा ने कपिल आश्रम में प्रवेश किया था।।
प्रयाग में स्नान करने से पापों से छुटकारा मिलता हैं,
गंगासागर में स्नान को महास्नान भी कहा जाता है।
इस दिन भगवान भास्कर अपने पुत्र शनि से मिलते हैं,
ये त्योहार धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।।
घुघुतिया,भोगाली-बिहू,पोंगल,खिचड़ी बहुत नाम है,
हमारी भारत भूमि ही है जो सभी त्योहारों का धाम है।
राजस्थान में सुहागिन महिलाएं सास से आशीर्वाद लेती हैं,
पतंगबाजी में आकाश सुंदर और कितनी सुहानी शाम है।।
भिन्न-भिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न नाम से जानते हैं,
बिहार में इसे एक अन्य नाम तिल संक्रांति कहते हैं।
इस दिन सूर्य उत्तर की ओर धीरे-धीरे चलने लगता है,
इस त्यौहार को सभी लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं।।

प्रभात सनातनी “राज” गोंडवी
गोंडा,उत्तर प्रदेश
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