Lady Doctor

लेडी डॉक्टर

( Lady doctor )

 

रोज इन्ही आंखों से देखती है प्रसव पीड़ा को।
नारी होकर भी नारी को दर्द से कराहते हुए वो।

इन्ही हाथों से अनगिनत शिशुओं को जन्माया।
मातृत्व सुख को महसूस करती डाक्टर दिल से।

जच्चा बच्चा घर में गूंजती जब किलकारी।
प्रसन्नता की रेखाएं मस्तक पर आती सारी।

ईश्वर की सुंदर रचना को पाया इन्ही हाथों में।
बालक्रीड़ा को निहार सौभाग्य पर वो इतराती।

मातृत्व का सच्चा सुख माता के चेहरे पर।
नन्हे नन्हे शिशुओं की सुंदर अठखेलियां।

भूल जाती वो दिन भर की थकान पल भर में।
नए मेहमान की देखरेख की तैयारी में व्यस्त।

वाह रे भगवान क्या कमाल का हुनर दिया है।
माताओं से मिलाकर बाल रूप दर्शन दिया है।

गर्व होता है लेडी डॉक्टर सुनकर कानों से हमें।
जिंदगी की जंग में खुशियों से भर दिया है हमें।

कवि की कलम ने एहसासों को संजोया है।
भावों का गुलदस्ता लेके शब्दों में पिरोया है।

जननी शिशु सुरक्षा रक्षक बनी लेडी डॉक्टर।
माता की गोद में शिशु हंसता हंसता सोया है।

 

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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