आज आटा देख महंगा कर दिया | Mahangai poem
आज आटा देख महंगा कर दिया
( Aaj aata dekh mahanga kar diya )
आज आटा देख महंगा कर दिया!
मुफ़लिसी पर जुल्म ऐसा कर दिया
नोटबंदी ऐसी हुई है मुल्क में
यार सारा रद्दी पैसा कर दिया
लड़ रहे है रहनुमा से नौजवां
नौकरी का झूठ वादा कर दिया
आग नफ़रत की लगी है देश में
देश कैसा प्यारा मेरा कर दिया
टूट रहे है मुफ़लिसो के घर यहाँ
गांव देखो खाली सारा कर दिया
हो गुजारा अब भला कैसे मगर
दाल आटा आज़म महंगा कर दिया