मैं और मेरे गुरु | Main Aur Mere Guru
मैं और मेरे गुरु
( Main Aur Mere Guru )
मुझे यह मत कहो कि
मेरी स्हायी की दवात खो गई
मैं बस्ता घर भूल गया
घर पर बहुत ज्यादा काम था
बिल्ली ने तुम्हारा अंग्रेजी का पेपर खा लिया
आप के लिए और लिखे हुए
शब्द बेकार हो जाते हैं
मुझे बहुत बड़बड़ाना पड़ता है
हर रोज नये बहाने सुनकर
और आपने जो अपना गृहकार्य नहीं किया.
क्योंकि वह बारिश में भीग गया होगा. मुझे मत बताओ कि
हमारी तुम घंटों गुलामी कर रहे हो।
आज सांझा किए गए इस नये काम को पढ़ो और आप ज़रूर पास होंगे
अगर आपका काम नहीं बनता तो
मुझे मत बताओ कि तुमने अपना रबड़ कहीं खो दिया है।
तुम मुझसे मत बताओ वर्कशीट और पेंसिल भी खो दी हैं
और दस्तावेज़ एक साथ अटके हुए हैं. गोंद की एक बड़ी गेंद के साथ आता है।
मैं तुम्हारे बहानों से थक गया हूँ
आपको समझाते समझाते
शिक्षक मै सचमुच उबाऊ हो गया हूं
मैं गृहकार्य के बारे में भी भूल गया
घर में मेरे अध्ययन कक्ष में एक दराज के अंदर।
सभी सामान बिखरा हुआ है मास्टर जी
पूरी कोशिश करूंगा गृहकार्य करने का
आप मुझे गुलामी से आजाद कर दो
जो आप के पास एक गुलाम बनकर
आपकी हां में हां हिलाता हूं
मुझे आजाद करो
एक विद्यार्थी …..।
मनजीत सिंह
सहायक प्राध्यापक उर्दू
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ( कुरुक्षेत्र )
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